Bihar Chunav 2025: बिहार चुनाव 2025 के लिए तेजस्वी यादव ने 20 सूत्री प्लान जारी किया है। उन्होंने 20 महीनों में नीतीश सरकार के 20 साल के कामों को सुधारने का दावा किया है। डोमिसाइल नीति से लेकर मुफ्त बिजली तक, कई वादे शामिल हैं।

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। विपक्ष लगातार सरकार को घेरने और पोस्टर अभियान के जरिए जनता को लुभाने के लिए पोस्टर लगा रहा है। ऐसे में आरजेडी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए अपना 20 सूत्री प्लान जारी किया है। हालांकि राजनीतिक गठबंधनों और दलों का औपचारिक घोषणापत्र बाद में जारी किया जाएगा, लेकिन फिलहाल तेजस्वी यादव के इस 20 सूत्री प्लान ने सियासी सरगर्मी जरूर बढ़ा दी है।

तेजस्वी के 20 महीने में 20 दावे

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर जारी किया है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है और उनके 20 साल के शासन को 20 महीने में सुधारने का दावा किया है। उन्होंने पोस्टर के जरिए कहा है कि जो 20 साल में नहीं हो सका, तेजस्वी यादव 20 महीने में कर देंगे।

क्या है तेजस्वी का मास्टर प्लान

  1. डोमिसाइल नीति को लागू करना है

2. 65% आरक्षण लागू करने का दावा

3. नौकरी और रोजगार मुहैया कराना

4. युवा आयोग बनाना

5. परीक्षा फॉर्म निशुल्क भरना

6. पेपर लीक पर पूरी तरह से लगाम लगाना

7. माताओं-बहनों के खाते में हर महीने 2500 रुपये भेजना

8. 1500 रुपये की सामाजिक पेंशन 

9. 500 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराना

10. 200 यूनिट मुफ्त बिजली देना

11. ताड़ी को शराबबंदी से हटाना

12. बेटी योजना लागू करना

13. महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना

14. शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना

15. भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करना

16. स्वास्थ्य सुविधाओं को आसान और बेहतर बनाना

17. नए निवेश लाना

18. उद्योग लगाना

19. पलायन पर नियंत्रण करना और

20. पर्यटन उद्योग को बढ़ाना

अंत में तेजस्वी यादव ने लिखा है कि युवाओं को नौकरी और रोजगार मिलेगा, बिहार को स्थिर सरकार मिलेगी। इस समय नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का 20 सूत्री प्लान सोशल मीडिया पर वायरल है।

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क्या तेजस्वी नीतीश के खिलाफ सफल होंगे?

बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश के नेतृत्व वाले एनडीए और तेजस्वी के नेतृत्व वाले अखिल भारतीय गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है। नीतीश कुमार की जेडीयू के साथ बीजेपी, चिराग पासवान की एलजेपी, जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी है। वहीं, तेजस्वी यादव की आरजेडी के साथ कांग्रेस, सीपीआई-एमएल, सीपीआई-सीपीएम और मुकेश सहनी की वीआईपी है। इसके अलावा पशुपति पारस की पार्टी के एलजेपी के साथ होने की संभावना है। इस तरह से दोनों गठबंधनों ने राज्य के राजनीतिक समीकरण के लिहाज से अपना-अपना गठबंधन बना लिया है।

जहां एनडीए सीएम नीतीश और पीएम मोदी के नाम और काम पर राजनीतिक माहौल बनाने में जुटा है, वहीं ऑपरेशन सिंदूर के बाद का राजनीतिक माहौल पूरी तरह से उसके पक्ष में नजर आ रहा है। इस तरह से एनडीए बिहार में जातिगत समीकरण से लेकर राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के एजेंडे का जाल बुन रहा है। इस तरह से तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की जोड़ी के लिए एनडीए के राजनीतिक चक्रव्यूह को भेदना आसान नहीं है।

सीएम नीतीश और पीएम मोदी की राजनीतिक जोड़ी ने न सिर्फ मजबूत गठबंधन बनाया है बल्कि जातिगत समीकरण भी बेहतर बनाया है। पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर ने एनडीए के पक्ष में सकारात्मक माहौल बनाया है और मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का फैसला लेकर विपक्ष से एक बड़ा मुद्दा अपने नाम कर लिया है। बिहार चुनाव में बीजेपी ने इन्हीं मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। जिसके बिना भारत गठबंधन के लिए सत्ता से अपना राजनीतिक वनवास खत्म करना काफी मुश्किल होगा।