Bihar Assembly Election: बिहार चुनाव 2025 में छोटी पार्टियों की भूमिका अहम हो सकती है। VVIP, भारतीय इंकलाब पार्टी, आम आदमी पार्टी, हिंद सेना सहित कई दल मैदान में हैं। इन पार्टियों का प्रदर्शन महागठबंधन और NDA दोनों को प्रभावित कर सकता है।

Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा के चुनावी 'संग्राम' में वैसे तो कई पार्टियां आमने-सामने हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है। यह अलग बात है कि हार-जीत का फंदा उनके गले में नया फंसता जा रहा है और छोटी पार्टियां चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही हैं। आइए जानते हैं कौन सी हैं ये पार्टियां और कौन सा गठबंधन बन सकता है इनकी हार का कारण...

चुनावी रण में उतरी VVIP पार्टी

बिहार के चुनावी रण में एक और राजनीतिक पार्टी उतर गई है। इस पार्टी का नाम है विकासशील वंचित इंसान पार्टी (VVIP)। इस पार्टी के संस्थापक कोई और नहीं बल्कि मुकेश सहनी की पार्टी के सहयोगी प्रदीप निषाद हैं। यह पार्टी शोषित, पीड़ित, दलित, महादलित, अति पिछड़े और अल्पसंख्यकों के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक उत्थान के लिए समर्पित होगी। लेकिन इस पार्टी से खास खतरा महागठबंधन की सहयोगी पार्टी वीआईपी को है, जिसके मुखिया मुकेश सहनी हैं। अगर वीआईपी की जीत प्रभावित होती है तो इसका सीधा नुकसान महागठबंधन को होगा। प्रदीप निषाद की पार्टी निषाद समुदाय की सभी उपजातियों खासकर निषाद समुदाय को एकजुट कर उन्हें उनका हक दिलाने की दिशा में काम करेगी। नेतृत्व में युवाओं और महिलाओं को बड़ी भूमिका दी जाएगी।

भारतीय इंकलाब पार्टी

भारतीय इंकलाब पार्टी भी बिहार के चुनावी रण में उतर चुकी है। इस पार्टी के संस्थापक इंजीनियर आई.पी. गुप्ता हैं। इस पार्टी के चुनावी रण में उतरने से बीजेपी के बेस वैश्य वोट के प्रभावित होने का खतरा है। भारतीय इंकलाब पार्टी बीजेपी के लिए इसलिए खतरा बनने जा रही है क्योंकि इस पार्टी ने पान समुदाय के साथ वैश्य की कुछ अन्य उपजातियों को एक छत्र के नीचे ला दिया है। और पार्टी ने साफ कह दिया है कि यह पार्टी बीजेपी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी।

आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी भी बिहार विधानसभा चुनाव में अपने दम पर उतरी है। कभी 'भारत' गठबंधन का हिस्सा रही आम आदमी पार्टी ने बिहार में अकेले ही विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पार्टी राज्य की सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। यह अलग बात है कि कांग्रेस ने आप को भाजपा की बी टीम बताया है। कांग्रेस के इस बयान से यह साफ हो गया है कि आप का चुनाव में उतरना महागठबंधन के लिए खतरा है।

हिंद सेना पार्टी

बिहार के चर्चित पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे, जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है, ने 'हिंद सेना' पार्टी बनाकर चुनावी रण में उतरने का ऐलान किया है। उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि उनकी लोकप्रियता से किस पार्टी को नुकसान होगा। लेकिन शिवदीप लांडे का कहना है कि 'मुझे कई ऑफर दिए गए। इसमें राज्यसभा जाने से लेकर सीएम फेस बनने तक के प्रस्ताव शामिल थे। लेकिन, मैंने बिहार में नए बदलाव लाने के संकल्प के साथ नई राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला किया।'

कितनी और पार्टियां?

और भी कई पार्टियां हैं जो चुनावी रण में उतरी हैं। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी महागठबंधन के साथ है और आशा यानी आप की पार्टी जनसुराज के साथ है। AIMIM ने भी महागठबंधन के साथ जाने का फैसला किया। जब AIMIM अकेले लड़ती थी, तो उसे अक्सर बीजेपी की बी टीम कहा जाता था। वजह मुस्लिम वोटों में सेंध लगाना था। लेकिन अब अगर AIMIM महागठबंधन के साथ लड़ती है, तो बीजेपी को नुकसान होगा।