Bihar Chunav 2025: प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी चुनाव में 'साफ छवि' वाले उम्मीदवारों को देगी तरजीह। गलत उम्मीदवार जीत भी गया तो जनता से अपील करेंगे कि उसे वोट न दें। बिहार की जीत ही पार्टी का एकमात्र उद्देश्य।

Jan Suraj Party founder Prashant Kishore: प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज से चुनाव लड़ना है तो पूरी करनी होगी ये शर्त, एनडीए और महागठबंधन के लिए चुनौती पटना। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर उर्फ ​​पीके ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अपनी पार्टी की उम्मीदवारी नीति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि जन सुराज स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता देगा और अगर गलती से कोई गलत व्यक्ति टिकट पा जाता है तो जनता से उसे वोट न देने की अपील की जाएगी। 

ऐसे लोगों को मिलेगा टिकट

उन्होंने यह बयान पत्रकारों के सवालों के जवाब में दिया जिसमें उनसे पूछा गया था कि जन सुराज अन्य पार्टियों से किस तरह अलग होगा और उम्मीदवारों के लिए क्या शर्तें होंगी। प्रशांत किशोर ने कहा, हमारी पार्टी का पहला लक्ष्य स्वच्छ छवि वाले लोगों को टिकट देना है। हम हर संभव प्रयास करेंगे कि सही उम्मीदवार ही चुने जाएं। लेकिन, अगर कोई गलत व्यक्ति टिकट पा जाता है तो भी मैं जनता से कहूंगा कि उसे वोट न दें। यूपीएससी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि लाखों में से आईएएस, आईपीएस चुनने की कठिन प्रक्रिया में भी कुछ लोग गलत निकल जाते हैं। क्या सभी आईएएस, आईपीएस ईमानदारी से काम करते हैं? इसी तरह हमारी चयन प्रक्रिया में भी खामियां हो सकती हैं, लेकिन हमारा उद्देश्य स्पष्ट है- बिहार में स्वच्छ छवि वाले लोगों को 243 सीटें जीतनी चाहिए, चाहे वे किसी भी पार्टी के हों।

प्रशांत किशोर का साहसिक कदम

प्रशांत किशोर ने जोर देकर कहा कि जन सुराज का एकमात्र उद्देश्य बिहार की जीत है। उनकी रणनीति बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रही है, जहां अक्सर उम्मीदवारों के चयन में जातिगत समीकरण और धनबल हावी रहता है। 2024 के उपचुनाव में जन सुराज का प्रदर्शन भले ही कमजोर रहा हो, लेकिन किशोर की अपील को स्वच्छ राजनीति की दिशा में एक साहसिक कदम माना जा रहा है।

एनडीए-महागठबंधन के लिए चुनौती

पीके ने कहा, हमारी लड़ाई बिहार को बेहतर बनाने की है, न कि सिर्फ सत्ता हासिल करने की। यह बयान एनडीए और महागठबंधन के लिए चुनौती बन सकता है, क्योंकि किशोर की पार्टी ईबीसी, दलित और मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है। अब देखना यह है कि 2025 के चुनाव में जन सुराज की यह रणनीति कितनी कारगर साबित होती है।