Kyo Manate Hai Guru Purnima: हिंदू धर्म में गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ माना गया है। गुरु के महत्व को बताने के लिए ही हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने-अपने गुरु को पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस बार गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई, गुरुवार को है। गुरु पूर्णिमा मनाते क्यों हैं, इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आगे जानिए गुरु पूर्णिमा मनाने के पीछे की वजह…
गुरु पूर्णिमा क्यों मनाते हैं?
धर्म ग्रंथों के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पर्व महर्षि वेदव्यास के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है यानी द्वापर युग में आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि पर ही महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। महर्षि वेदव्यास ने भविष्योत्तर पुराण में लिखा है -
मम जन्मदिने सम्यक् पूजनीय: प्रयत्नत:।
आषाढ़ शुक्ल पक्षेतु पूर्णिमायां गुरौ तथा।।
पूजनीयो विशेषण वस्त्राभरणधेनुभि:।
फलपुष्पादिना सम्यगरत्नकांचन भोजनै:।।
दक्षिणाभि: सुपुष्टाभिर्मत्स्वरूप प्रपूजयेत।
एवं कृते त्वया विप्र मत्स्वरूपस्य दर्शनम्।।
अर्थ- आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को मेरा जन्म दिवस है। इसे गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन पूरी श्रृद्धा के साथ गुरु को सुंदर वस्त्र, आभूषण, गाय, फल, पुष्प, रत्न, धन आदि समर्पित कर उनकी पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से गुरुदेव में मेरे ही स्वरूप के दर्शन होते हैं।
कौन हैं महर्षि वेदव्यास?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, महर्षि वेदव्यास ऋषि पाराशर और सत्यवती की संतान हैं। ये भगवान विष्णु के 24 अवतारोंमें से एक हैं। इनका पूरा नाम कृष्णद्वैपायन था। काले होने के कारण इन्हें कृष्ण और द्वैपायन नाम के द्वीप पर पैदा होने से इनका ये नाम पड़ा। महर्षि वेदव्यास ने ही वेदों का विभाग किया, इसलिए इनका नाम वेदव्यास पड़ा। महाभारत जैसे श्रेष्ठ ग्रंथ की रचना भी महर्षि वेदव्यास ने ही की है।
क्या आज भी जीवित हैं महर्षि वेदव्यास?
महर्षि वेदव्यास के बारे में कहा जाता है कि ये आज भी जीवित है। अष्ट चिरंजीवियों में इनका भी नाम है। पैल, जैमिन, वैशम्पायन, सुमन्तुमुनि, रोमहर्षण आदि महर्षि वेदव्यास के महान शिष्य थे। महर्षि वेदव्यास के कहने पर ही इन शिष्यों ने वेदों का उपनिषदों में विभाग किया। महर्षि वैशम्पायन ने ही गुरु के आदेश पर राजा परीक्षित की सभा में महाभारत की कथा सबको सुनाई थी।
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इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।