Unique temples of india: केरल में कोल्लम में कोट्टनकुलंगरा श्रीदेवी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पुरुष स्त्री रूप में सज-धजकर देवी के दर्शन करने जाते हैं। ये परंपरा काफी पुरानी है। इससे जुड़ी कईं मान्यताएं भी प्रसिद्ध है।
Interesting facts related to Kottankulangara Sridevi Temple: हमारे देश में अनेक ऐसे मंदिर हैं जिनसे कोई न कोई विशेष परंपरा जुड़ी हुई है। ऐसा ही एक मंदिर केरल के कोल्लम में भी है, जिसे कोट्टनकुलंगरा श्रीदेवी का मंदिर कहा जाता है। ये मंदिर बहुत प्राचीन है और ऐसा कहते हैं कि मंदिर में स्थापित देवी की प्रतिमा भी धरती से निकली थी, जिसे स्थानीय लोगों ने यहां स्थापित कर दिया। एक विशेष उत्सव के दौरान पुरुष इस मंदिर में स्त्रियों की तरह सज-धज कर दर्शन करने आते हैं। जाने इस मंदिर से जुड़ी रोचक बातें…
हर साल मनाते हैं खास उत्सव
कोट्टनकुलंगरा श्रीदेवी मंदिर में हर साल एक खास उत्सव मनाया जाता है, जिसे चाम्याविलक्कू कहते हैं। ये उत्सव हर साल 23 और 24 मार्च को मनाया जाता है। इस उत्सव के दौरान पुरुष महिलाओं की तरह 16 श्रृंगार करते हैं और एक नई-नवेली दुल्हन की तरह सज-धजकर मंदिर में देवी की पूजा करते हैं। इस उत्सव के देखने के लिए दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं। ये परंपरा इस मंदिर में सैकड़ों सालों से चली आ रही है।
जमीन से निकली देवी की प्रतिमा
प्राचीन मान्यता के अनुसार, किसी समय इस स्थान पर गाय चराने वालों को एक नारियल मिला। उस नारियल को जिसे फोड़ने के लिए उन्होंने जैसे ही इसे इस पत्थर पर पटका, पत्थर में से खून निकलने लगा। गांव वालों ने इस देवी का चमत्कार माना और इसे मंदिर में स्थापित कर पूजा-अचर्ना करने लगे। पहले के समय में छोटी बालिकाएं इस मंदिर में विशेष पूजा करती थी, बाद में ये परंपरा पुरुषों में बदल गई। इस परंपरा के अंतर्गत ही पुरुष स्त्री का वेष बनाकर मंदिर में देवी की पूजा करते हैं।
मन्नत पूरी होने के लिए करते हैं देवी की पूजा
ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी पुरुष स्त्री की तरह श्रृंगार करके देवी की पूजा करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है, यही कारण है कि पुरुषों को यहां स्त्री रूप में सजने-संवरने में किसी तरह की शर्म नहीं आती। कुछ लोग तो अपने साथ मेकअप आर्टिस्ट भी लाते हैं जो किसी भी पुरुष को इस तरह तैयार करते हैं कि वो स्त्री है या पुरुष, पहचानना मुश्किल हो जाता है।
कैसे पहुचें कोट्टनकुलंगरा श्रीदेवी मंदिर?
- अगर आप बस, टैक्सी या अपने निजी वाहन से कोट्टनकुलंगरा मंदिर जाना चाहते हैं तो आपके लिए नेशनल हाईवे 4 सबसे अच्छा विकल्प है। कोल्लम जिले से ये मंदिर 17.9 किमी दूर है।
- कोट्टनकुलंगरा मंदिर से सबसे निकट का हवाई अड्डा कोचीन में है, जो यहां से 121 किमी दूर है।
- अगर रेल से कोट्टनकुलंगरा श्रीदेवी मंदिर जाना चाहते हैं तो एर्नाकुलम जंक्शन (दक्षिण) यहां से सबसे नजदीक है, जो 133 किमी दूर है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।