ये हैं भारत के वो 5 मुस्लिम धर्म स्थल जहां हर साल आते हैं लाखों पाकिस्तानी
5 famous Muslim religious places in India: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सभी पाकिस्तान नागरिकों को देश छोड़ने को कहा है। भारत में कईं ऐसे मुस्लिम धार्मिक स्थान हैं जहां हर साल लाखों पाकिस्तानी नागरिक माथा टेकने आते हैं।
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किन 5 जगहों पर आते हैं सबसे ज्यादा पाकिस्तानी?
5 famous Muslim religious places in India: 22 अप्रैल, मंगलवार को कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले में 26 टूरिस्ट मारे गए और 10 से ज्यादा घायल हुए। इस घटना के बाद भारत सरकार ने कड़े फैसले लेते हुए देश में अलग-अलग कारणों से आए पाकिस्तानी नागरिकों को एक तय समय में अपने देश जाने का आदेश दिया है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हर साल लाखों पाकिस्तानी नागरिक भारत में टूरिस्ट वीजा पर आते हैं और अपने धार्मिक स्थानों पर जाकर माथा टेकते हैं। आज हम आपको 5 ऐसे मुस्लिम धर्म स्थानों के बारे में बता रहे हैं जहां सबसे ज्यादा पाकिस्तानी नागरिक जियारत करने आते हैं।
हुमांयू ने बनवाई थी ये दरगाह
पाकिस्तान नागरिकों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर आती है हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, जो राजस्थान के अजमेर में है। इसे अजमेर शरीफ भी कहा जाता है। इस दरगाह का निर्माण मुगल बादशाह हुमायूं ने करवाया था। मुगल बादशाह अकबर हर साल अजमेर दरगाह में माथा टेकने आते थे। यहां हर साल लाखों पाकिस्तानी पर्यटक आते हैं।
1431 में बनी थी ये दरगाह
मुंबई के वरली समुद्र तट पर बनी हाजी अली की दरगाह मुस्लिमों की आस्था का प्रमुख केंद्र हैं। यहां हर साल लाखों पाकिस्तानी नागरिक जियारत करने आते हैं। इस दरगाह को सय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी की स्मृति में सन 1431 में बनवाया गया था। ये दरगाह मुंबई का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से भी एक है।
यहां 10 हजार लोग पढ़ सकते हैं नमाज
हैदरबाद में भारत की सबसे पुरानी और बड़ी मस्जिदों में से एक मक्का मस्जिद है। इसका निर्माण 1694 में हुआ माना जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस मस्जिद में मक्का से लाई गई मिट्टी और ईंटों का उपयोग हुआ इसलिए इसे मक्का मस्जिद कहा जाता है। इस मस्जिद में एक बार में 10 हजार लोग नमाज पढ़ सकते हैं। मक्का से लाई गई मिट्टी और ईंटों के चलते यहां भी हर साल लाखों पाकिस्तानी नागरिक आते हैं।
यहां आते हैं लाखों पाकिस्तानी जायरीन
उत्तराखंड के हरिद्वार में पिरान कलियर की प्रसिद्ध दरगाह है। यहां भी भारी संख्या में पाकिस्तानी नागरिकों का आना-जाना लगा रहता है। इसे देश की दूसरी बड़ी दरगाह भी कहा जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में उर्स के मौके पर यहां 81 हजार पाकिस्तानी जायरीन आए थे। ये दरगाह मुस्लिम धर्मगुरु हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर की है।
एशिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक
वैसे तो भारत में बहुत बड़ी-बड़ी मस्जिदें हैं, लेकिन इन सभी में मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थित ताज-उल-मस्जिद है बहुत खास है। इसे एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद में से एक माना जाता है। खास बात ये है कि ये मस्जिद करीब 5.68 एकड़ में फैली है और यहां एक साथ एक लाख से अधिक लोग नमाज पढ़ सकते हैं। इसे देखने के लिए भी पाकिस्तानी नागरिक यहां आते हैं।