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Sawan 2025: महादेव क्यों लगाते हैं भस्म, क्यों रहते श्मशान में, क्या है तीसरी आंख का रहस्य?
Sawan 2025: भगवान शिव का स्वरूप जितना विचित्र है, उतना ही रहस्यमयी भी है। महादेव श्मशान में रहते हैं, शरीर पर भस्म लगाते हैं। उनके अलावा अन्य किसी देवता के पास तीसरी आंख नहीं है। ये सभी बातें हमें लाइफ मैनेजमेंट के सूत्र भी सिखाती हैं।
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जानें महादेव के स्वरूप से जुड़ी रोचक बातें
Interesting facts about Mahadev: भगवान शिव की भक्ति का महीना सावन 11 जुलाई से शुरू हो चुका है जो 9 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में भगवान शिव की पूजा, उपासना, मंत्र जाप आदि का विशेष महत्व है। देखा जाए तो महादेव का स्वरूप अन्य सभी देवताओं से काफी अलग और रहस्यमयी है। महादेव श्मशान में रहते हैं जहां कोई जाना पसंद नहीं करता। सभी देवताओं में एकमात्र शिवजी के पास ही तीसरी आंख है। आगे जानिए महादेव के स्वरूप से जुड़े इन रहस्यों में छिपे लाइफ मैनेजमेंट टिप्स…
महादेव क्यों लगाते हैं भस्म?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव को भस्म बहुत प्रिय है, वे शरीर इसे लगाते हैं और तपस्या में लीन रहते हैं। लाइफ मैनेजमेंट के नजरिए से देखा जाए तो भस्म का अर्थ है अंत यानी एक दिन ये संसार भी जलकर इसी तरह भस्म हो जाएगा। महादेव अपने शरीर पर भस्म लगाकर ये बताते हैं कि ये जीवन, प्रकृति, पृथ्वी आदि सभी कुछ एक दिन भस्म हो जाएगी। सिर्फ महादेव ही परम सत्य हैं, इसलिए अपना ध्यान इन भौतिक चीजों से हटाकर भक्ति में लगाना चाहिए।
महादेव क्यों रहते हैं श्मशान में?
भगवान शिव एकमात्र ऐसे देवता हैं जो श्मशान में रहते हैं। देखा जाए तो एक दिन मृत्यु के बाद सभी को श्मशान में ही जाना है। यही मनुष्यों का अंतिम स्थान है। श्मशान में रहकर महादेव बताते हैं कि व्यक्ति को कभी अपने रूप, पैसों और पद का घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि एक दिन सभी को यहीं आना है और यहां किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होता। श्मशान में सभी एक समान है।
महादेव के गले में क्यों है सांप?
भगवान शिव के गले में हमेशा नागों के राजा वासुकि लिपटे रहते हैं, जो बताते हैं कि मोह के बंधन के दर्शाते हैं। हर व्यक्ति जानता है कि संसार का सबसे बड़ा दुख मोह है लेकिन फिर भी वह उससे कभी पीछा नहीं छुड़ा पाता। हर समय वह मोह के बंधनों में ही बंधा रहता है जो कि सर्प के समान विनाशकारी है।
क्यों है महादेव की तीसरी आंख?
एकमात्र शिवजी के पास ही तीसरी आंख हैं जो बताती है कि व्यक्ति को अपनी दो आंखों के अलावा बुद्धि और विवेक के जरिए भी चीजों को परखना और समझना चाहिए। सच सिर्फ वही नहीं होता जो दिखाई देता है, इसके अलावा भी बहुत सी बातें सच और झूठ के बारे में हमें संकेत देती है। मनुष्यों की तीसरी आंख उनकी छठी इंद्री है।
महादेव को क्यों चढ़ाते हैं धतूरा और आंकड़ा?
भगवान शिव की पूजा में धतूरा और आंकड़ा मुख्य रूपसे चढ़ाया जाता है जबकि ये चीजें जहरीली होती हैं। महादेव कहते हैं कि संसार में जो भी बुरी चीजें हैं वो सभी तुम मुझे समर्पित कर दो और सिर्फ अच्छी चीजों और गुणों पर ध्यान केंद्रित करो और अपने जीवन को सार्थक करो।