Premanand Govind Sharan Pravachan: कई लोग ऐसे होते हैं जोकि भंडारे करवाने का संकल्प ले लेते हैं, लेकिन ऐसा वो नहीं कर पाते। यहां फिर किसी कारणवश वो भूल जाते हैं। ऐसे में जानिए क्या भगवान उनसे रूठ जाते हैं। ये है स्वामी प्रेमानंद महाराज का जवाब।
Premanand Maharaj Pravachan: कई लोग ऐसे होते हैं जो कि अपनी मन्नत पूरी होने पर भंडारा करने का संकल्प लेते हैं, लेकिन किसी कारणवश वो ऐसा नहीं कर पाते। ऐसा करने वाले लोगों के मन में दोष लगाने का डर पैदा हो जाता है। उन्हें लगता है कि भगवान उनसे रूठ जाएंगे। इस सवाल का जवाब खुद स्वामी प्रेमानंद महाराज जी देते हुए दिखाई दिए हैं। दरअसल एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि यदि हम भंडारे का संकल्प लेते हैं और वो पूरा नहीं कर पाते तो क्या भगवान हमसे नाराज हो जाते हैं? क्या सामाजिक जीवन में परेशानी आने लगती है?
जवाब देते हुए हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा कि नहीं इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। भगवान इतने स्वार्थी नहीं है। अगर आपने ये संकल्प लिया कि हम 100 संतनों को भोजन कराएंगे और ऐसा करने के दौरान यह हमारी व्यवस्था किसी कारणवश बिगड़ जाती है तो हमें ये बात ध्यान रखनी चाहिए कि जब सबकुछ ठीक हो जाएगा तब हम ये कार्य करेंगे। भगवान हमसे नाराज नहीं होते। हमें बस अपने संकल्प को याद रखना है कि जब वक्त मिले हमें ये कर लेना चाहिए। ऐसी ही कई लोग गंगा जी में स्नान करने के लिए कहते हैं, लेकिन उस वक्त वो ऐसा नहीं कर पाते। ऐसे में हमें उस चीज को याद रखने की जरूरत होती है कि जैसे ही टाइम मिले उसे कर लेना चाहिए। जब कल व्यवस्था हुई तो हमें सबसे पहले वहीं काम कर लेना चाहिए।
वक्त रहते ही पूरा कर लें संकल्प
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि यदि किसी पवित्र कार्य जैसे कि दर्शन, भक्ति, भंडारे का संकल्प बने तो उसे टालना नहीं चाहिए बल्कि समय पर पूरा कर दे देना चाहिए। यदि किसी वजह से कार्य रूक जाता है तो उसे अगले समय में हमें कर लेना चाहिए। ऐसे में जिन लोगों ने भंडारे का संकल्प लिया है, लेकिन वो ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें इस चीज को ध्यान में रखना चाहिए।