Jagannath RathYatra Details: हर साल उड़ीसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है। इसे देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश भी भक्त यहां आते हैं। अगर आप पहली बार जगन्नाथ रथयात्रा जान रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

Jagannath RathYatra Guide: उड़ीसा के समुद्र तट पर बसा पुरी शहर भारत के 7 सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। यहीं भी स्थित है भगवान जगन्नाथ का प्राचीन मंदिर, जो हिंदुओं के सबसे पवित्र 4 धामों में शामिल है। ये मंदिर जितना प्राचीन है, उतना ही रहस्यमयी भी है। हर साल आषाढ़ मास में भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा निकाली जाती है। अगर आप पहली बार जगन्नाथ रथयात्रा देखने जा रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आगे जानिए इन बातों के बारे में…

कब से शुरू होगी जगन्नाथ रथयात्रा?

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि से शुरू होती है जो दशमी तिथि को समाप्त होती है। साल 2025 में जगन्नाथ रथयात्रा 27 जून को शुरू होगी और 5 जुलाई को समाप्त होगी। इस रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, अपने बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ में बैठकर अपनी मौसी के घर यानी गुंडिचा मंदिर जाते हैं जो मात्र 3 किमी दूर है। जब भगवान जगन्नाथ 8 दिन बाद पुन: अपने मंदिर आते हैं तो वापसी की यात्रा को बहुड़ा यात्रा कहा जाता है।

कहां से देख सकते हैं जगन्नाथ रथयात्रा?

अगर आप सुकून से जगन्नाथ रथयात्रा देखना चाहते हैं तो यात्रा मार्ग पर पहले से ही कई होटल या लॉज का रूप बुक कर सकते हैं और वहां से इस भव्य रथयात्रा को देख सकते हैं। रथयात्रा पुरी की मुख्य सड़क जिसे ग्रैंड रोड कहा जाता है, से निकलती है। अगर आप होटल या लॉज में पैसा खर्च नहीं करना चाहते तो रथयात्रा के दिन सुबह जल्दी मुख्य मार्ग पर जाकर अपना स्थान सुनिश्चित कर लें, यहां से भी आप रथयात्रा का आनंद ले सकते हैं।

रथयात्रा के दौरान क्या पहनें?

रथयात्रा का पूरा आनंद लेने के लिए आपको शालीन कपड़े पहनना चाहिए। यहां के मौसम के हिसाब से हल्के सूती कपड़े पहनना आपके लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन है क्योंकि यहां का मौसम काफी गर्म होता है। पैरों में आरामदायक जूते पहनें क्योंकि आपको लंबे समय तक चलना या खड़े रहना पड़ सकता है।

पुरी में कहाँ ठहरें?

पुरी में बहुत से होटल, लॉज और गेस्टहाउस हैं, लेकिन यहां कमरे बहुत जल्दी भर जाते हैं। इसलिए आपको वहां पहुंचने से पहले ही प्री बुकिंग करनी पड़ेगी। कुछ यात्री भुवनेश्वर, जो यहां से लगभग 60 किमी दूर है, वहां भी रुकते हैं और रथयात्रा वाले दिन यहां आ जाते हैं।

पुरी कैसे पहुँचें?

- पुरी से निकटतम हवाई अड्डा भुवनेश्वर (बीबीआई) है, जो यहां से लगभग 60 किमी दूर है। भुवनेश्वर आकर आप टैक्स या बस से यहां आ सकते हैं।
- पुरी में ही मुख्य रेलवे स्टेनश है जो प्रमुख भारतीय शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
- पुरी देश के सभी मुख्य सड़क मार्गों से जुड़ा हुआ हैं। आप अपने निजी वाहन से भी यहां आ सकते हैं।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।