सार

Kab Hai Shani Jayanti 2025: ज्येष्ठ मास की अमास्या को शनि जयंती मनाई जाती है। मान्यता के अनुसार, इसी तिथि पर शनिदेव का जन्म हुआ था। इस दिन शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है।

 

Shani Jayanti Puja Vidhi: नवग्रहों में सिर्फ शनिदेव की ही जयंती मनाई जाती है। हर साल शनि जयंती का पर्व ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी तिथि पर शनिदेव का जन्म हुआ था। इस बार शनि जयंती 27 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन सुकर्मा, धृति और मातंग नाम के शुभ योग रहेंगे, जिसके चलते इस पर्व का महत्व और भी अधिक हो गया है। इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा, उपाय, मंत्र जाप आदि किए जाते हैं। आगे जानिए शनि जयंती पर कैसे करें शनिदेव की पूजा, शुभ मुहूर्त, मंत्र आदि डिटेल…

शनि जयंती 2025 शुभ मुहूर्त (Shani Jayanti 2025 Puja Muhurat)

सुबह 09:04 से 10:44 तक
सुबह- 10:44 से दोपहर 12:24 PM
सुबह 11:57 से दोपहर 12:50 तक (अभिजीत मुहूर्त)
दोपहर 12:24 से 02:03 तक
दोपहर 03:43 से 05:22 तक

शनि जयंती पूजा विधि (Shani Jayanti Puja Vidhi)

- 27 मई, मंगलवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद हाथ में जल-चावल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें। शुभ मुहूर्त से पहले पूजा की पूरी तैयारी कर लें।
- घर में साफ स्थान पर शनिदेव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। सरसों के तेल से शनिदेव का अभिषेक करें। काले तिल, काली उड़द, काले वस्त्र आदि एक-एक करके चढ़ाएं।
- शनिदेव को नीले फूलों की माला पहनाएं। पूजा के दौरान मन ही मन में ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: का जाप करते रहें। उड़द व चावल की खिचड़ी का भोग लगाएं।
- इस तरह पूजा करने के बाद सबसे अंत में शनिदेव की आरती करें। इस विधि से शनिदेव की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और सभी परेशानियां दूर करते हैं।

भगवान शनिदेव की आरती (Shanidev Aarti Lyrics In Hindi)

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव.…
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव.…
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव.…
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव.…
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

 

Disclaimer
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