Startup Mahakumbh 2025 : भारत में स्टार्टअप्स की धूम मची है। हर तरफ नए आइडिया, नए बिज़नेस मॉडल और इनोवेशन की बातें हो रही हैं। इस बीच एक सवाल भी है कि क्या हम वाकई इनोवेशन कर रहे हैं, या सिर्फ गिग इकॉनमी (Gig Economy) का हिस्सा बन रहे हैं? गुरुवार, 3 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने इसे लेकर अहम सवाल उठाया। देश की राजधानी नई दिल्ली में तीन दिवसीय 'स्टार्टअप महाकुंभ 2025' के दूसरे एडिशन का उद्घाटन करने पहुंचे गोयल ने भारत के स्टार्टअप मॉडल पर निशाना साधा है, उन्होंने चीन के डीप-टेक इनोवेशन में आगे बढ़ने के दौरान गिग जॉब्स पर भारत की निर्भरता पर चिंता जताई। गोयल ने सवाल किया कि क्या देश बड़ी तकनीकी तरक्की की कोशिश करने के बजाय कम सैलरी वाली डिलीवरी नौकरियों से खुश है?
क्या डिलीवरी बॉय-गर्ल्स बनकर खुश- पीयूष गोयल
गोयल ने एक प्रजेंटेशन का हवाला देते हुए कहा, 'क्या हमें डिलीवरी बॉय और गर्ल्स बनने की इच्छा रखनी चाहिए या फिर हम डिलीवरी बॉय और गर्ल्स बनकर ही खुश रहेंगे?' इस प्रजेंटेशन में भारत के स्टार्टअप माहौल की तुलना चीन से की गई थी। दोनों देशों में अंतर बताते हुए, कॉमर्स मिनिस्टर ने तर्क दिया कि भारतीय स्टार्टअप टेक इनोवेशन में लीड करने की बजाय फूड डिलीवरी और गिग वर्क्स पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'आज भारत के स्टार्टअप क्या हैं? हम फूड डिलीवरी ऐप पर फोकस कर रहे हैं, बेरोजगार युवाओं को सस्ते श्रम में बदल रहे हैं ताकि अमीर लोग अपने घर से बाहर जाए बिना अपना खाना ले सकें।'
स्टार्टअप में क्या हम दुनिया में नंबर 1
दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में भारत की कंडीशन को स्वीकार करते हुए, गोयल ने कहा, 'भारत ने जो किया है, उस पर हमें बहुत गर्व है, लेकिन क्या हम अभी भी दुनिया में नंबर 1 हैं? अभी तक नहीं।' उनके अनुसार, एक बड़ी चिंता भारत में डीप-टेक स्टार्टअप की सीमित संख्या है। उन्होंने कहा, 'भारत के डीप-टेक सेक्टर में सिर्फ 1,000 स्टार्टअप एक परेशान करने वाली स्थिति है,'
'स्टार्टअप इनोवेशन पर ज्यादा फोकस हो'
पीयूष गोयल ने यूथ से ई-कॉमर्स और सर्विस बेस्ड बिजनेस से अलग इनोवेशन पर ज्यादा फोकस करने की अपील की। आंत्रप्रेन्योर्स को लॉन्ग टर्म में सोचने और प्लान बनाने को कहा। कॉमर्स मिनिस्टर ने पारंपरिक बिजनेस मॉडल से आगे बढ़ने और टेक्नोलॉजी में दुनिया में लीड करने को आह्वान किया। उन्होंने पूछा, 'दुनिया में अपनी पहचान बनाने के लिए दुकान का ही काम करना है?' उन्होंने स्टार्टअप्स को बड़े सपने देखने और नई तकनीक लाने के लिए प्रेरित किया।