सार

पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन (Shantiniketan) में होली (Holi) से पहले रंग खेलने पर कथित रोक के पोस्टर ने विवाद खड़ा कर दिया है। BJP ने इसे तुष्टिकरण बताया, जबकि TMC सरकार ने सफाई दी कि यह पर्यावरण संरक्षण के लिए है। जानें पूरा मामला।

Shantiniketan Holi Ban: कोलकाता से करीब 180 किलोमीटर दूर शांति निकेतन (Shantiniketan) में होली से पहले एक पोस्टर ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस पोस्टर में सोनाझूरी हाट (Sonajhuri Haat) में रंग खेलने, गाड़ियों की पार्किंग और ड्रोन कैमरों के उपयोग पर रोक लगाई गई है। पोस्टर वायरल होने के बाद भाजपा (BJP) ने इसे ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee Government) की होली पर पाबंदी बताते हुए तुष्टिकरण का आरोप लगाया जबकि टीएमसी (TMC) सरकार का कहना है कि यह केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए किया गया है।

क्या लिखा है पोस्टर में?

बंगाली भाषा में लगे इस पोस्टर में लिखा गया है: संरक्षित वन क्षेत्र: रंग खेलना, गाड़ी पार्किंग, वीडियोग्राफी और ड्रोन कैमरा उपयोग प्रतिबंधित है।

BJP का आरोप: तुष्टिकरण की राजनीति कर रही TMC सरकार

बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने इस पोस्टर को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है जब टीएमसी सरकार होली को लेकर ऐसे कदम उठा रही है। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि 2025 में पहली बार होली के लिए हर पुलिस स्टेशन में बैठक बुलाई गई। यह एक विशेष महीना (रमजान) है और इस बार होली शुक्रवार को पड़ रही है। पुलिस ने खुलकर कह दिया कि होली नहीं मनाई जानी चाहिए, रंग नहीं खेले जाने चाहिए और गिरफ्तारी तक की धमकी दी गई।

उन्होंने यह भी दावा किया कि बीरभूम (Birbhum) जिले के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने आदेश दिया है कि शांति निकेतन में बसंता उत्सव (Basanta Utsav) को सुबह 10 बजे तक खत्म कर दिया जाए क्योंकि यह शुक्रवार को पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस, प्रशासन और राज्य सरकार विभाजनकारी राजनीति और तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है।

TMC सरकार का दावा: कोई प्रतिबंध नहीं, केवल पर्यावरण संरक्षण की अपील

राज्य की वन मंत्री बिरबाहा हांसदा (Birbaha Hansda) ने होली खेलने पर किसी भी प्रकार की रोक लगाने के दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि BJP केवल राजनीति कर रही है और यह पोस्टर केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए लगाया गया है। हांसदा ने कहा कि यह केवल एक अनुरोध है कि प्रकृति को सुरक्षित रखा जाए। कोई प्रतिबंध नहीं है। अगर कोई होली खेलना चाहता है, तो खेल सकता है। BJP के पास राजनीति करने के लिए कोई और मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वे इसे मुद्दा बना रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने जिला वन अधिकारी (DFO) से रिपोर्ट मांगी है और मामले की जांच की जा रही है।

क्या है बसंता उत्सव और सोनाझूरी हाट विवाद?

बसंता उत्सव (Basanta Utsav) को डोल जात्रा (Dol Jatra) के साथ मनाया जाता है। शांति निकेतन में वसंत के स्वागत का अनोखा उत्सव है। इसे 1910 के दशक में रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) ने शुरू किया था, जहां रंगों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ यह त्योहार मनाया जाता है।सोनाझूरी हाट (Sonajhuri Haat) शांति निकेतन का एक प्रसिद्ध बाजार है, जहां स्थानीय कारीगर अपने हस्तशिल्प और कलाकृतियां बेचते हैं। लेकिन इस बार होली से पहले यहां लगा यह पोस्टर राजनीतिक घमासान की वजह बन गया है।