2025 में भारत ने GST, आयकर, बीमा (100% FDI), श्रम और परमाणु ऊर्जा में बड़े सुधार किए। इन नागरिक-केंद्रित बदलावों का लक्ष्य एक समृद्ध और 'विकसित भारत' का निर्माण करना है।

नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

 भारत आज एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभरा है। यह भारतीयों के नए जोश का नतीजा है। आज दुनिया भारत को उम्मीद और भरोसे से देख रही है। दुनिया अलग-अलग क्षेत्रों पर असर डालने वाले और अगली पीढ़ी के सुधारों के जरिए हो रही तरक्की की तारीफ कर रही है।

भारत अब ''रिफॉर्म एक्सप्रेस'' (Reform Express) पर सफर कर रहा है। इसका मुख्य इंजन भारत की आबादी, युवा पीढ़ी और लोगों का जज्बा है। पिछले 11 सालों के सफर में, 2025 एक ऐसे साल के तौर पर हमेशा याद रखा जाएगा, जब सुधारों को एक लगातार ''राष्ट्रीय संकल्प'' बनाया गया। सुधारों ने हर किसी को सम्मान और आत्मविश्वास से जीने का मौका दिया है। तो चलिए, इस साल के मुख्य सुधारों पर एक नजर डालते हैं,

जीएसटी सुधार

इस साल 5% और 18% की दो-स्तरीय साफ टैक्स व्यवस्था लागू की गई है। इससे आम लोगों, एमएसएमई, किसानों और मजदूरों वाले क्षेत्रों पर बोझ कम हुआ है। इस सुधार ने ग्राहकों के उत्साह और मांग को बढ़ाया है।

आयकर में छूट

यह मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ा तोहफा है। सालाना ₹12 लाख तक की आय वालों को टैक्स नहीं देना होगा, यह नियम लागू किया गया है। 1961 के पुराने आयकर कानून की जगह आधुनिक और सरल ''आयकर अधिनियम, 2025'' लाया गया है।

100% FDI बीमा सुधार

भारतीय बीमा कंपनियों में 100% विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की इजाजत दी गई है। यह बीमा का दायरा बढ़ाने और लोगों की सुरक्षा को बढ़ावा देगा। कॉम्पिटिशन के बावजूद, यह लोगों को बेहतर बीमा विकल्प और अच्छी सेवाएं देगा। संसद में ''सिक्योरिटीज मार्केट कोड बिल'' पेश किया गया है। यह सेबी (SEBI) में शासन के मानकों को बढ़ाएगा। यह नियमों के पालन का बोझ कम करके ''विकसित भारत'' के लिए टेक्नोलॉजी पर आधारित बाजार बनाएगा।

सागर और नीली अर्थव्यवस्था में सुधार

संसद के मानसून सत्र में ही पांच ऐतिहासिक समुद्री कानून पास किए गए हैं। बिल्स ऑफ लैडिंग एक्ट 2025, समुद्री माल ढुलाई विधेयक 2025, तटीय शिपिंग विधेयक 2025, मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2025 और भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025 पास किए गए हैं। 1908, 1925 और 1958 के पुराने कानूनों को भी रद्द कर नए कानून लाए गए हैं। साथ ही, ''निरसन और संशोधन विधेयक, 2025'' के जरिए 71 कानूनों को पूरी तरह से हटा दिया गया है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा

सिंथेटिक फाइबर, धागे, प्लास्टिक, पॉलीमर और बेसिक मेटल्स के क्षेत्र में कुल 22 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) रद्द कर दिए गए हैं। इसी तरह, स्टील, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, अलॉय और कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के सेक्शन में 53 QCO को सस्पेंड कर दिया गया है। इसमें औद्योगिक और उपभोक्ता उपयोग की चीजों की एक बड़ी रेंज शामिल है। इससे भारत के रेडीमेड कपड़ों के निर्यात का हिस्सा बढ़ेगा। जूते और ऑटोमोबाइल जैसे उद्योगों में उत्पादन लागत कम होगी। यह सुनिश्चित करेगा कि इलेक्ट्रॉनिक्स, साइकिल और ऑटोमोटिव उत्पादों की कीमतें घरेलू ग्राहकों के लिए कम हों।

श्रम सुधार

श्रम कानूनों को फिर से बनाया गया है, और बिखरे हुए 29 कानूनों को मिलाकर चार आधुनिक कोड बनाए गए हैं। भारत ने एक ऐसा लेबर फ्रेमवर्क बनाया है जो मजदूरों के हितों की रक्षा करता है। ये उचित वेतन, समय पर वेतन भुगतान, आसान औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा और सुरक्षित काम की जगहों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। यह कामकाजी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाएगा। कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले मजदूरों सहित असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को ईएसआईसी और ईपीएफओ के दायरे में लाया गया है, जिससे औपचारिक रोजगार क्षेत्र का दायरा बढ़ाया गया है।

विस्तारित बाजार

न्यूजीलैंड, ओमान और ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौते किए गए हैं। ये निवेश और रोजगार पैदा करने को बढ़ावा देंगे और स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित करेंगे।स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन वाले ''यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ'' (EFTA) के साथ मुक्त व्यापार समझौता लागू हो गया है। यह विकसित यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत का पहला मुक्त व्यापार समझौता है।

परमाणु ऊर्जा सुधार

शांति (SHANTI) अधिनियम भारत की स्वच्छ ऊर्जा और टेक्नोलॉजी की यात्रा में एक बड़ा बदलाव लाने वाला कदम है। यह डेटा सेंटर, एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन हाइड्रोजन और हाई-टेक उद्योगों को बिजली देकर, AI युग की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने में भारत को सक्षम बनाएगा। यह स्वास्थ्य सेवा, कृषि, खाद्य सुरक्षा, जल प्रबंधन, उद्योग, रिसर्च और पर्यावरण स्थिरता में परमाणु टेक्नोलॉजी के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देता है। यह निजी क्षेत्र की भागीदारी, इनोवेशन और स्किल डेवलपमेंट के लिए नए रास्ते खोलेगा। निवेशकों, इनोवेटर्स और कंपनियों के लिए भारत के साथ हाथ मिलाने, निवेश करने और नया करने के लिए तैयार ऊर्जा इकोसिस्टम बनाने का यह सबसे सही समय है।

जी राम जी माइलस्टोन सुधार

विकसित भारत- जी राम जी अधिनियम, 2025 के तहत रोजगार गारंटी को 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है। इससे गांव के बुनियादी ढांचे और आजीविका को मजबूत करने में मदद मिलेगी। यह साल शिक्षा सुधारों का भी गवाह रहा है। एक एकीकृत उच्च शिक्षा नियामक संस्था की स्थापना करके, यूजीसी, एआईसीटीई, एनसीटीई जैसी कई संबंधित संस्थाओं की जगह ''विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान'' नामक एक ही संस्था बनाने का काम चल रहा है।

2025 के सुधारों का महत्व सिर्फ उनके दायरे में ही नहीं, बल्कि उनके मूल सिद्धांत में भी है। एक आधुनिक लोकतंत्र की सच्ची भावना के अनुसार, हमारी सरकार ने नियंत्रण के बजाय सहयोग और प्रतिबंधों के बजाय सुविधाएं देने को ज्यादा प्राथमिकता दी है। छोटे उद्यमियों, युवा पेशेवरों, किसानों, मजदूरों और मध्यम वर्ग की स्थितियों को ध्यान में रखकर ये सभी सुधार तैयार किए गए हैं। नियंत्रण-आधारित अर्थव्यवस्था से बाहर निकलकर, नागरिक को केंद्र में रखने वाली ''विश्वास-आधारित'' व्यवस्था की ओर बढ़ने के हमारे एक दशक के प्रयासों को इन सुधारों ने नई गति दी है।

इन सुधारों का लक्ष्य एक समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत बनाना है। ''विकसित भारत'' का निर्माण ही हमारे विकास पथ का ध्रुव तारा है। आने वाले सालों में भी हम सुधारों के एजेंडे को जारी रखेंगे।

मैं भारतीयों और अनिवासी भारतीयों से भी अपील करता हूं कि वे भारत की इस विकास यात्रा के साथ अपने रिश्ते को और मजबूत करें। देश पर भरोसा रखें। लोगों की ताकत का सही इस्तेमाल करें।