Air India Plane Crash report: Air India Flight 171 की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद भारतीय पायलट संघ (ALPA India) ने AAIB पर पक्षपाती जांच का आरोप लगाया। पायलट प्रतिनिधियों को जांच में शामिल करने की मांग की गई।

Air India Plane Crash report and ALPA questions: एयर इंडिया फ्लाइट 171 के 12 जून को हुए भीषण हादसे की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बाद एयरलाइन पॉयलट्स एसोसिएशन (ALPA) इंडिया ने रिपोर्ट की निष्पक्षता पर गंभीर आपत्ति जताई है। एसोसिएशन ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि जांच अधिकारी पहले से ही पायलट्स को दोषी मानकर जांच को आगे बढ़ा रहे हैं। यह रिपोर्ट बिना किसी के सिग्नेचर के लीक होना भी संदेह के घेरे में है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद क्रैश को लेकर जवाब तो कम मिले हैं लेकिन अब सवाल अधिक उठ रहे हैं।

ALPA के अध्यक्ष कैप्टन सैम थॉमस ने रविवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि हमें ऐसा लग रहा है कि जांच इस दिशा में बढ़ रही है जैसे कि पायलटों को पहले ही दोषी मान लिया गया हो। हम इस सोच का पुरज़ोर विरोध करते हैं।

ड्रीमलाइनर के कौन थे पायलट?

दरअसल, क्रैश हुए ड्रीमलाइनर को लेकर जा रहे कैप्टन काफी अनुभवी थे। कैप्टन सुमीत सभरवाल (56) के पास कुल उड़ान अनुभव 15,638 घंटे का था तो फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर (32) का कुल अनुभव 3,403 घंटे का था। दोनों ने Dreamliner 787 विमान को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरते समय कमांड किया था। टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 260 लोगों की जान गई, जिनमें ज़्यादातर यात्री और आसपास के इलाके के लोग थे।

AAIB रिपोर्ट पर सवाल पायलट एसोसिएशन ने खड़े किए सवाल

AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान भरते ही विमान के दोनों इंजन RUN से CUTOFF मोड में स्विच कर दिए गए। Cockpit Voice Recorder (CVR) में एक पायलट कहता है कि तुमने क्यों फ्यूल को बंद किया तो दूसरा जवाब देता है कि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि यह स्विच जानबूझकर बदले गए या गलती से। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि fuel control switch gates की सर्विसिंग में संभावित खराबी पाई गई। ALPA का सवाल है कि अगर रिपोर्ट अभी अधूरी है तो फिर Wall Street Journal जैसी विदेशी मीडिया के पास यह संवेदनशील जानकारी कैसे पहुंची?

ALPA की मुख्य आपत्तियां

  1. जांच की दिशा पर सवाल: रिपोर्ट पहले से पायलटों को दोषी मान रही है।
  2. जांच में पारदर्शिता की कमी: जांच गोपनीय तरीके से हो रही है।
  3. योग्य विशेषज्ञों की अनुपस्थिति: ALPA का कहना है कि विशेषज्ञों को जांच में शामिल नहीं किया गया।
  4. रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं: इतने महत्वपूर्ण दस्तावेज़ पर किसी जिम्मेदार व्यक्ति के हस्ताक्षर तक नहीं हैं। यह हैरानी की बात है।

पायलट प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग

ALPA ने मांग की है कि उन्हें जांच प्रक्रिया में कम से कम पर्यवेक्षक (Observer) के रूप में शामिल किया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे। एसोसिएशन ने कहा कि हम फिर से निवेदन करते हैं कि पायलटों के प्रतिनिधियों को जांच में शामिल किया जाए, ताकि निष्पक्षता बनी रहे।

प्रारंभिक रिपोर्ट है, निष्कर्ष पर न पहुंचे

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने बयान जारी कर मीडिया और जनता से आग्रह किया कि अभी फाइनल रिपोर्ट नहीं आई है, कृपया निष्कर्ष पर न पहुंचे। उन्होंने कहा कि उन्हें देश के पायलट्स और क्रू पर पूरा भरोसा है और हादसे की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अंतिम रिपोर्ट का इंतज़ार किया जाना चाहिए।