सार
पहलगाम में खून की होली खेली गई है। हर पल आ रही खबरें इस हैवानियत को बयां कर रही हैं। इसमें कोई शक नहीं कि ये एक राक्षसी कृत्य है। लेकिन, भारत सरकार इस नरसंहार से कैसे निपटेगी, यही देश के लोगों के सामने सवाल है।
इस बीच, सोशल मीडिया पर पहलगाम में हुए खून-खराबे पर लोग दुखी हैं। पहलगाम के बैसरन के पास जमा हुए पर्यटकों पर 5-6 आतंकियों ने हमला किया और अंधाधुंध गोलियां नहीं चलाईं। बल्कि, उन्होंने पर्यटकों का नाम और धर्म पूछकर उन पर गोलियां बरसाईं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वो हिंदू हैं या नहीं, उनकी पैंट तक उतारी गई। इसके बाद ही, जब उन्हें पता चला कि वो हिंदू हैं, तो उन पर गोलियां चलाई गईं। TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
फरवरी 2019 में 40 CRPF जवानों को आत्मघाती हमले में मार दिया गया था। उसके बाद हुआ ये सबसे बड़ा आतंकी हमला है। अमित सोनी ने ट्वीट किया, 'अब मौत भी धर्म देखने लगी है।'
'हिंदी, कन्नड़, तमिल, मराठी.. और दूसरी भाषाएं.. तुम्हारी लड़ाई जाति, भाषा और राज्य के लिए है। लेकिन, वो तुम्हें सिर्फ धर्म के नाम पर मार रहे हैं।' ऐसे पोस्टर शेयर किए जा रहे हैं।
'उन्होंने उसका धर्म पूछा। उसकी पैंट उतारकर चेक किया। पुष्टि की कि वो हिंदू है। फिर गोली मार दी। फिर भी कहते हैं, आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।' ऐसा पोस्ट शेयर किया गया है।
'उन्होंने उसका आईडी कार्ड देखा। उसकी पैंट उतारी। पुष्टि की कि वो हिंदू है। फिर पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोली मार दी। फिर भी कहते हैं, आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।' लोग दुख जताते हुए पोस्टर शेयर कर रहे हैं।
'गोली चलाने वालों ने उसका राज्य नहीं पूछा। उसकी भाषा नहीं पूछी। उसकी जाति नहीं पूछी। उन्होंने सिर्फ एक ही सवाल पूछा, 'धर्म क्या है?' लोग इस तरह के पोस्टर शेयर कर रहे हैं और पहलगाम हमले पर गुस्सा जता रहे हैं।