सार

पाक अधिकृत कश्मीर में बैठकर कश्मीर रेजिस्टेंस फ्रंट के साथ मिलकर सैफुल्ला खालिद उर्फ कसूरी ने इस हमले की पूरी प्लानिंग की थी।

श्रीनगर: पहलगाम हमले के सदमे से देश अभी उबरा भी नहीं है कि खबर आई है कि सैफुल्ला खालिद उर्फ कसूरी इस हमले का मास्टरमाइंड है. ये लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ है. हाफिज सईद का करीबी, कसूरी ने रेजिस्टेंस फ्रंट के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम दिया है, ऐसा जांच एजेंसियों का मानना है.

इस हमले में पाकिस्तान का हाथ साफ नजर आ रहा है. भारत के खिलाफ लगातार हमले करने वाले लश्कर-ए-तैयबा की ही साजिश है पहलगाम में हुआ ये खूनी खेल. हाफिज सईद का दाहिना हाथ माने जाने वाला कसूरी पाक अधिकृत कश्मीर में बैठकर इस हमले की प्लानिंग कर रहा था, ऐसा केंद्रीय एजेंसियों का कहना है. लोकल टेरर ग्रुप रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले को अंजाम दिया.

पेशावर में लश्कर की कमान कसूरी के हाथ में है. जिहादी भाषणों से युवाओं को आतंकी संगठनों और सेना में भर्ती करवाने वाला कसूरी, पाक सेना से भी जुड़ा हुआ है. पिछले फरवरी में खैबर पख्तूनख्वा में दिए एक भाषण में कसूरी ने अगले एक साल में कश्मीर पर कब्जा करने का दावा किया था. उसने ये भी कहा था कि आने वाले दिनों में कश्मीर में हमले और भी बढ़ेंगे.

2008 के मुंबई हमलों में शामिल जमात-उद-दावा में भी कसूरी का हाथ था. पहलगाम हमले को अंजाम देने वाला रेजिस्टेंस फ्रंट लश्कर का ही एक लोकल ग्रुप है. 2019 में कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद ये ग्रुप एक्टिव हुआ था. इसका सरगना शेख सज्जाद खुल है. ये ग्रुप टूरिस्ट, दूसरे राज्यों के मजदूर और कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाता है.

लगातार हमलों के बाद 2023 में केंद्र सरकार ने इस ग्रुप पर बैन लगा दिया था. पिछले साल गंदरबल में टनल बनाने वाले 6 मजदूरों की हत्या भी इसी ग्रुप ने की थी. कश्मीर में ऑपरेशन का मौका ढूंढ रहे कसूरी जैसे आतंकियों को पाक आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर के भड़काऊ भाषण से और भी हवा मिली. असीम मुनीर ने 18 अप्रैल को रावलपिंडी में दिए भाषण में कश्मीर को पाकिस्तान की जान बताया था और कहा था कि घाटी में गोलियों की आवाज बंद नहीं होगी.