Pahalgam terror attack: जम्मू-कश्मीर का शांत और लोकप्रिय हिल स्टेशन पहलगाम (Pahalgam) में मंगलवार दोपहर को आतंकवादियों के गोलियों की गड़गड़ाहट से कांप उठा। टेररिस्टों ने टूरिस्टों पर धर्म पूछकर गोलियां बरसा खौफ पैदा कर दिया। बाइसारन घास के मैदान (Baisaran Meadow) में दोपहर करीब 2:30 बजे कुछ आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई जबकि 12 से अधिक टूरिस्टों के घायल होने की सूचना है। हालांकि, आधिकारिक रूप से केवल एक मौत की पुष्टि की जा रही है।

बाइसारन की वादियों में गूंजी गोलियों की आवाज़

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकी सेना की वर्दी में थे और उन्होंने बेहद करीब से फायरिंग शुरू कर दी। घटनास्थल पर खून से सनी ज़मीन, इधर-उधर बिखरे शव और रोती हुई महिलाएं, यह दृश्य किसी भयावह सपने से कम नहीं था। स्थानीय लोग तुरंत मदद के लिए पहुंचे और घायलों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकवादियों ने एक महिला से पहले उसका धर्म पूछा और फिर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।

TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी

इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (The Resistance Front – TRF) ने ली है, जो कि लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का स्थानीय सहयोगी समूह माना जाता है। TRF द्वारा टूरिज़्म को निशाना बनाना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।

घायलों का इलाज जारी, एक को GMC अनंतनाग रेफर किया गया

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने X पर लिखा कि घायलों को त्वरित इलाज देने के निर्देश दिए हैं। एक घायल को GMC Anantnag में स्थानांतरित किया गया है। सभी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

 

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महबूबा मुफ्ती का कड़ा बयान

पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने X पर लिखा कि पहलगाम में पर्यटकों पर कायराना हमला दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है। कश्मीर ने हमेशा पर्यटकों का गर्मजोशी से स्वागत किया है और इस तरह की हिंसा उस पर धब्बा है।

 

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क्या बाइसारन की सुरक्षा में हुई चूक?

बाइसारन, पहलगाम से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक दुर्गम और खूबसूरत घास का मैदान है, जहां तक पैदल या पोनी से ही पहुंचा जा सकता है। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब कश्मीर का टूरिज्म सीज़न (Kashmir Tourism Season 2025) जोरों पर है और हज़ारों पर्यटक घाटी का रुख कर रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि सुरक्षाबलों की मौजूदगी और इंटेलिजेंस इनपुट्स के बावजूद आतंकी वहां कैसे पहुंचे?