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15 मिनट का फ़ासला... और बच गई पूरी ज़िंदगी! पहलगाम हमले से बाल-बाल बचा MP का परिवार
Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से सिर्फ 15 मिनट पहले निकले कारोबारी सुमित शर्मा और उनका परिवार। जहां 26 की जान गई, वहीं किस्मत ने उनका साथ दिया। पढ़िए एक रोंगटे खड़े कर देने वाली सच्ची कहानी।
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15 मिनट की तेजी ने बदल दी किस्मत- हम निकलते और गोलियां चल जातीं!
मध्यप्रदेश के महू निवासी कारोबारी सुमित शर्मा अपने परिवार के साथ पहलगाम की बैसारन घाटी से महज 15 मिनट पहले निकले थे। उनके निकलते ही घाटी में आतंक का तांडव शुरू हो गया। आतंकी हमले में 26 की मौत हो गई, लेकिन शर्मा परिवार बाल-बाल बच गया।
पहलगाम की खूबसूरती में छिपा आतंक- घाटी में अचानक मच गई चीख-पुकार
जैसे ही सुमित और उनका परिवार निकला, कुछ ही पलों में गोलियों की आवाज गूंजने लगी। पर्यटकों से भरी घाटी में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। मंजर ऐसा था कि लोग जान बचाने के लिए भागते नजर आए।
तीन किमी दूर, लेकिन दहशत बेहद पास
सुमित शर्मा ने बताया कि हमले के वक्त वे घटनास्थल से सिर्फ तीन किलोमीटर दूर एक जगह पर रुके हुए थे। गोलियों की आवाज साफ सुनाई दे रही थी। सुरक्षा बलों ने तत्काल पर्यटकों को बाहर निकालना शुरू कर दिया।
श्रीनगर भेजे गए सभी पर्यटक
घटना के तुरंत बाद प्रशासन ने सभी होटल खाली कराए और पर्यटकों को श्रीनगर रवाना किया गया। सुमित शर्मा का परिवार फिलहाल श्रीनगर में है और सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि वहां डर का माहौल है लेकिन सेना की पकड़ मजबूत है।
“हम पूरी तरह सुरक्षित हैं” – सुमित शर्मा
सुमित ने कहा, "हमारा रिटर्न टिकट 25 मई का है, लेकिन हम तभी लौटेंगे जब हालात सामान्य होंगे। फिलहाल परिवार की चिंता बढ़ गई है, हर कुछ देर में कॉल्स आ रही हैं, लेकिन हमने उन्हें भरोसा दिलाया है कि हम सुरक्षित हैं।"
लश्कर-ए-तैयबा ने मचाया मौत का खेल
इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली है। मृतकों में एक इटली और एक इजरायल के नागरिक के साथ दो स्थानीय लोग भी शामिल हैं। अन्य मृतक भारत के कई राज्यों के बताए जा रहे हैं।
"अगर रुक जाते तो आज खबर में होते नाम"
सुमित शर्मा और उनके परिवार की किस्मत ने सही समय पर फैसला लिया। अगर 15 मिनट और रुक जाते, तो शायद आज उनकी भी कोई दर्दनाक खबर होती। ये कहानी है डर, किस्मत और बचाव की, जो हमेशा याद रहेगी।