सार

Pahalgam Terror Attack के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए Indus Waters Treaty को किया सस्पेंड, बघलिहार और सालाल जल परियोजनाओं पर Reservoir Flushing शुरू। छह नई पनबिजली परियोजनाओं का निर्माण भी होगा तेज।

 

India Pakistan Water Conflict: पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले के एक हफ्ते बाद भारत ने Indus Waters Treaty (IWT) को सस्पेंड कर पाकिस्तान के खिलाफ अपनी पहली गैर-सैन्य कार्रवाई की है। इस फैसले के तहत सरकार ने जम्मू-कश्मीर स्थित सालाल (Salal) और बघलिहार (Baglihar) जलविद्युत परियोजनाओं में जलाशय फ्लशिंग (Reservoir Flushing) की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

जलाशयों में जमा गाद हटी, बिजली उत्पादन बढ़ेगा

1987 और 2009 में बने इन डैम्स में IWT के कारण फ्लशिंग पर प्रतिबंध था। अब, वर्षों बाद पहली बार इनमें जमा गाद को हटाया गया है जिससे टर्बाइन को नुकसान से बचाया जा सकेगा और पावर जनरेशन की क्षमता बढ़ेगी। सालाल की क्षमता 690 मेगावॉट और बघलिहार की 900 मेगावॉट है, जो अब तक अपनी पूरी क्षमता पर नहीं चल पा रही थीं।

छह रुकी हुई परियोजनाएं फिर से होंगी शुरू

सरकार अब छह बड़ी जल परियोजनाओं के निर्माण को तेज करने जा रही है, जिनमें Sawalkot (1,856 MW), Kirthai-I और II (1,320 MW), Pakal Dul (1,000 MW) और अन्य तीन परियोजनाएं शामिल हैं। इनसे जम्मू-कश्मीर की कुल इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन कैपिसिटी 10,000 मेगावॉट तक पहुंच सकती है।

IWT के बिना अब भारत के पास खुली छूट

अगर IWT अभी भी लागू होती तो भारत को इन परियोजनाओं की शुरुआत से पहले पाकिस्तान को छह महीने की सूचना देनी पड़ती। इस दौरान पाकिस्तान कानूनी अड़चनें खड़ी करता। लेकिन अब यह बाध्यता हट चुकी है। केंद्रीय जल आयोग के पूर्व प्रमुख कुशविंदर वोहरा ने कहा कि अब भारत बिना रोक-टोक के निर्माण कर सकता है।

Chenab और Jhelum पर नए प्रोजेक्ट्स की तैयारी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल, ऊर्जा मंत्री एमएल खट्टर और कृषि मंत्री शिवराज चौहान जल्द ही एक अहम बैठक में छह परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा Chenab नदी (जो IWT के तहत भारत को मिली है) और पाकिस्तान को आवंटित Jhelum नदी पर भी नए प्रोजेक्ट्स शुरू करने की रणनीति बन रही है।

पाकिस्तान की चेतावनी: 'यह युद्ध की कार्यवाही होगी'

IWT को सस्पेंड करने के बाद पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि 'अगर भारत ने हमारी हिस्से का पानी रोका तो वह युद्ध की कार्यवाही मानी जाएगी'। पाकिस्तान यह भी दावा कर रहा है कि उसका पहलगाम हमले से कोई संबंध नहीं है।

सरकार का संदेश साफ: अब पानी की एक बूंद भी पार नहीं जाएगी

24 अप्रैल को भारत ने आधिकारिक रूप से सिंधु जल संधि को निलंबित किया था और साफ कर दिया था कि पाकिस्तान की ओर एक बूंद पानी भी नहीं जाएगी। हालांकि, मौजूदा जलाशयों की सीमित क्षमता के चलते पानी के प्रवाह को पूरी तरह से रोकना तुरंत संभव नहीं है। इसी वजह से बघलिहार डैम से कुछ समय के लिए पानी रोका गया लेकिन यह अस्थायी कदम था।

सैन्य जवाब की भी संभावना, तीनों सेनाओं को खुली छूट

जहां एक ओर जल के मोर्चे पर भारत सख्त हो गया है, वहीं सैन्य प्रतिक्रिया की भी चर्चा तेज है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में डिफेंस अधिकारियों व प्रमुखों से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि उन्होंने सशस्त्र बलों को पूरी छूट दी है कि वह उचित जवाब की योजना बनाएं और उसे अंजाम दें।