सार
Indus Water Treaty को लेकर भारत ने लिया बड़ा फैसला, बगलिहार डैम से पाकिस्तान की ओर जाने वाला चिनाब नदी का पानी रोका गया, झेलम नदी पर किशनगंगा डैम से भी जल प्रवाह रोकने की तैयारी। जानिए क्या है इस फैसले का रणनीतिक असर।
Chinab water Baglihar dam: पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक और रणनीतिक मोर्चों पर कई कड़े कदम उठाए हैं। अब भारत ने बगलिहार डैम (Baglihar Dam) से पाकिस्तान की ओर बहने वाली चिनाब नदी (Chenab River) का जल प्रवाह रोक दिया है। यह सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को सस्पेंड किए जाने के बाद पहला ठोस जल-नीति एक्शन है।
बिना चेतावनी पानी छोड़े जाने की रणनीति पर काम
जम्मू के रामबन में स्थित बगलिहार और उत्तरी कश्मीर के किशनगंगा डैम (Kishanganga Hydropower Project) से भारत अब अपनी ओर से पाकिस्तान को पानी छोड़े जाने के समय को ‘रेगुलेट’ करेगा। यानी, बिना किसी पूर्व सूचना के या तो पानी का फ्लो बढ़ाया जाएगा या अचानक घटा दिया जाएगा जिससे पाकिस्तान की सिंचाई और पावर जेनरेशन योजनाएं प्रभावित हो सकें।
झेलम नदी पर अगला एक्शन: किशनगंगा डैम तैयार
बगलिहार के बाद भारत की नजर अब झेलम नदी (Jhelum River) पर है। किशनगंगा डैम के जरिए झेलम के जल प्रवाह को भी रोका जा सकता है। रणनीतिक हलकों में यह कदम पाकिस्तान को दबाव में लाने की दिशा में एक निर्णायक चाल के रूप में देखा जा रहा है।
1959 की संधि अब इतिहास?
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty 1960) हुई थी, जिसके तहत भारत ने तीन पूर्वी नदियों—रावी, ब्यास, सतलुज—का उपयोग किया, जबकि पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों—चिनाब, सिंधु, झेलम—से जल मिला। लेकिन अब भारत ने इसे पहलगाम आतंकी हमले के बाद ‘सस्पेंड’ कर दिया है।