शेख सज्जाद गुल: 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड शेख सज्जाद गुल का कर्नाटक और केरल से संबंध होने का खुलासा हुआ है। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी।
Pahalgam attack mastermind Sheikh Sajjad Gul: (नई दिल्ली): 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड शेख सज्जाद गुल उर्फ सज्जाद अहमद शेख का कर्नाटक और केरल से संबंध होने का खुलासा हुआ है। इस हमले में एक स्थानीय समेत 26 पर्यटक मारे गए थे। इस हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकी शेख सज्जाद गुल इस संगठन में शामिल होने से पहले कर्नाटक और केरल में पढ़ाई कर चुका था।
खबर है कि आतंकी गुल फिलहाल पाकिस्तान के रावलपिंडी में LeT के संरक्षण में छिपा है। गुल पहले भी देश में हुई कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। 2020 से 2024 के बीच मध्य और दक्षिण कश्मीर में हुई हत्याओं, 2023 में मध्य कश्मीर में हुए ग्रेनेड हमले, गंगीर और गंदरबल के जेड-मोर्ह सुरंग में जम्मू-कश्मीर पुलिसकर्मियों पर हुए हमले में गुल का नाम सामने आया है। पिछले पांच सालों से जम्मू-कश्मीर में हुई कई आतंकी गतिविधियों में शेख सज्जाद गुल का हाथ बताया जाता है।
अप्रैल 2022 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शेख सज्जाद गुल को आतंकी घोषित किया था और उसके सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम भी रखा था। पहलगाम मामले की जांच कर रहे अधिकारियों पर हुए हमले में शामिल आतंकियों के साथ शेख सज्जाद गुल के संपर्क में होने की बात सामने आई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख सज्जाद गुल के निर्देश पर ही TRF ने पहलगाम हमले की योजना बनाई और उसके आदेश पर ही हमला किया।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से गुल के संबंध
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख सज्जाद गुल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए मुखबिर के तौर पर काम करता है। वह पंजाबी नेतृत्व वाले LeT के लिए कश्मीरी मोर्चे के रूप में काम कर रहा है। श्रीनगर में पढ़ाई करने के बाद गुल ने बेंगलुरु से MBA किया। MBA के बाद उसने केरल से लैब टेक्नीशियन का कोर्स किया और फिर कश्मीर लौट गया। कश्मीर लौटने के बाद गुल ने अपनी लैब खोली। इस लैब के जरिए वह आतंकी गुटों को सहायता पहुंचाता था।
पिछले दो दशकों से आतंकी संगठनों से जुड़े गुल को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर 5 किलो RDX के साथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में गुल को 10 साल की जेल हुई और 2017 में वह रिहा हुआ। जेल से छूटते ही गुल पाकिस्तान चला गया और आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया। गुल के परिवार के दूसरे सदस्य भी आतंकवाद में शामिल रहे हैं। गुल का भाई डॉक्टर था, लेकिन वह भी आतंकी बन गया। खबर है कि वह अभी किसी खाड़ी देश में है और आतंकी संगठनों को फंडिंग करता है।
धर्म पूछकर मारी गोली
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहलगाम में घूम रहे पर्यटकों पर घाटी से आए आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली चलाई। इस हमले में आतंकियों को रोकने की कोशिश करने वाले एक स्थानीय गाइड की भी मौत हो गई।