सार

पहलगाम हमले में शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी की शांति की अपील पर सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें ट्रोल किया। महिला आयोग ने इस घटना की निंदा की है।

Pahalgam Attack Update: पहलगाम हमले में शहीद हुए नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी को उनके बयानों के लिए सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है. इस मामले में महिला आयोग ने कड़ी नाराजगी जताई है. पिछले गुरुवार को विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल ने लोगों से भावुक अपील की थी. उन्होंने कहा, "मैं देशवासियों से यही अपील करना चाहती हूँ कि वे विनय के लिए प्रार्थना करें, जहां भी वो हैं, शांति से रहें. और एक बात, कृपया किसी के लिए भी नफरत न फैलाएं. मैं देख रही हूँ कि लोग मुस्लिमों और कश्मीर के बारे में नफरत फैला रहे हैं. हम ऐसा नहीं चाहते. हम बस शांति चाहते हैं, सिर्फ शांति."

ट्रोलिंग की वजह क्या है?
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें बुरी तरह ट्रोल किया गया. राष्ट्रीय महिला आयोग के संज्ञान में यह मामला आया और उन्होंने एक्स पर पोस्ट करके हिमांशी नरवाल का समर्थन किया.

महिला आयोग का दखल
पहलगाम हमले में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत के बाद उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल को उनके बयान के आधार पर सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है. यह बेहद निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है. किसी महिला को अपनी विचारधारा रखने पर निजी तौर पर ट्रोल करना किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है. सहमति या असहमति सभ्य तरीके से व्यक्त की जानी चाहिए. राष्ट्रीय महिला आयोग हर महिला की गरिमा और सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.

शहीद की पत्नी को ट्रोल करना कितना सही?
आज देश का युवा वर्ग वामपंथी और दक्षिणपंथी विचारधाराओं में बंटा हुआ है, जो देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी दिखाई देता है. इसी तरह पहलगाम हमले को भी वामपंथी और दक्षिणपंथी अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं. हर किसी की अपनी विचारधारा होती है, और विचारधाराओं में बदलाव होना स्वाभाविक है. लेकिन क्या एक शहीद की पत्नी को ट्रोल करना उचित है?

नौसेना अधिकारी विनय नरवाल और 26 अन्य पर्यटक 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. NIA जांच में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा हमले की पुष्टि हुई है. इस घटना ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध का खतरा पैदा कर दिया है.