India Pakistan Tensions: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। इस बीच मध्य प्रदेश के जबलपुर के खमरिया में स्थित आयुध कारखाने (Jabalpur ordnance factory) में कर्मचारियों की लंबी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। तेजी से बम-गोले बनाए जा रहे हैं।
उप निदेशक और वर्क्स मैनेजर अविनाश शंकर ने मुख्य महाप्रबंधक के आदेश का हवाला देते हुए इस कदम की पुष्टि की है। अब दो दिन से ज्यादा किसी कर्मचारी को छुट्टी नहीं मिलेगी। शंकर ने कहा कि यह कदम उत्पादन टारगेट पूरा करने के लिए उठाया गया है।
यह कोई अकेला मामला नहीं है। कम से कम 7 MIL (Munitions India Limited) संचालित कारखानों ने कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द की गईं हैं। The Economic Times की रिपोर्ट के अनुसार बंगाल में गन एंड शेल फैक्ट्री-कोसीपुर के कर्मचारियों ने भी बताया है कि उनकी छुट्टियां रद्द की गईं हैं। एक कर्मचारी ने कहा, "शुक्रवार को छुट्टियां रद्द करने का आदेश जारी किया गया।"
ओडिशा में बलांगीर में बदमाल आयुध कारखाने के कर्मचारियों को बताया गया है कि 60 दिनों तक कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी। यही नियम चंद्रपुर और इटारसी में भी लागू हैं। यहां भी आयुध कारखाने हैं।
हाई अलर्ट पर है MIL
भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई की स्थिति में बड़ी संख्या में गोलियां, बम और गोलों जैसे सैन्य साजो-सामान की जरूरत होगी। यही वजह है कि इनका उत्पादन तेजी से किया जा रहा है। MIL हाई अलर्ट पर है। MIL के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि कंपनी जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद “अलर्ट मोड” में आ गई है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे।
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री चंद्रपुर और जबलपुर के सभी 7,000 कर्मचारियों को कहा गया है कि वे लंबी छुट्टी के लिए आवेदन न करें। पहले से स्वीकृत सभी अनुरोध वापस ले लिए गए हैं। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री जबलपुर भारत की सबसे बड़ी सैन्य गोला-बारूद फैक्टरियों में से एक है। इसने कारगिल युद्ध के दौरान बोफोर्स के गोले के लिए फ्यूज की आपूर्ति की थी। बालाकोट एयर स्ट्राइक में इस्तेमाल किए गए 1,000 पाउंड के बम का उत्पादन यहां किया गया था।
म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड चलाती है 12 कारखाने
म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड का मुख्यालय पुणे में है। यह 12 प्रमुख कारखानों का चलाती है। यह पिनाका रॉकेट लांचर से लेकर हैंड ग्रेनेड और पैदल सेना के गोला-बारूद तक सब कुछ बनाती हैं। इन फैक्ट्रियों में 5.56 मिमी, 7.62 मिमी और 9 मिमी की गोलियां, टैंक के गोले, मोर्टार बम और हाई विस्फोटक चार्ज भी तैयार होते हैं।