Operation Sindoor: भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में इसरो के सैटेलाइट्स का इस्तेमाल करके आतंकी ठिकानों की पहचान की और उन्हें तबाह किया। कार्टोसैट, रिसैट और जीसैट सीरीज के सैटेलाइट्स ने अहम भूमिका निभाई।

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की ताकत का भी बड़ा रोल रहा है। भारत ने अंतरिक्ष में कई ऐसे सैटेलाइट तैनात कर रखे हैं जो लगातार धरती की तस्वीरें लेते रहते हैं। इससे पाकिस्तान के चप्पे-चप्पे पर भारत की नजर होती है। ये अंतरिक्ष में मौजूद ऐसी आंखों की तरह हैं जो लगातार धरती पर हो रही हलचल देखती रहती हैं। उसकी तस्वीरें लेती रहती हैं।

भारत की सेनाओं ने सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों का इस्तेमाल आतंक के अड्डों की पहचान करने और हवाई हमले में उन्हें तबाह करने में किया। TOI की रिपोर्ट के अनुसार, इसरो के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के लिए हमारी सेनाओं ने हमारी सभी रणनीतिक संपत्तियों का अलग-अलग तरीकों से उपयोग किया। हमारी टीमें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। हमें गर्व है कि इसरो देश के लिए महत्वपूर्ण मिशनों में हमारी सेनाओं की मदद कर सका।"

इसरो ने कई सैटेलाइट भारत की सेनाओं की जरूरत को ध्यान में रखते हुए अंतरिक्ष में तैनात किए हैं। सेनाओं को इन सैटेलाइट से मिलने वाले डेटा तक सीधी पहुंच है। इसके साथ ही सेनाओं को मैक्सार जैसी वैश्विक कंपनियों से डेटा भी दिए गए।

एक अधिकारी ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर की योजना बनाने के लिए कार्टोसैट सीरीज और अन्य उपग्रहों से मिले डेटा का इस्तेमाल किया गया। मैक्सार से तस्वीरें ली गईं। भारत की सेनाओं की पहुंच यूरोप के सेंटिनल द्वारा उपलब्ध कराए गए सैटेलाइट डेटा तक भी है।

ऑपरेशन सिंदूर में किन भारतीय सैटेलाइट का हुआ इस्तेमाल?

इसरो के कार्टोसैट उपग्रह हाई-रिजॉल्यूशन फोटो और दोहरे उपयोग (छवि और वीडियो) क्षमताएं देते हैं। भारत की सेनाएं लंबे समय से इनका इस्तेमाल निगरानी रखने के लिए कर रहीं हैं। एक अधिकारी ने कहा, "भारतीय उपग्रह समय-समय पर डेटा उपलब्ध कराते हैं। इससे 14 दिनों में एक बार खास क्षेत्रों का डाउनलोड संभव है। इस डेटा का इस्तेमाल किया गया। इसके साथ ही व्यावसायिक डेटा का भी इस्तेमाल किया जो दिन में एक बार उपलब्ध होता है।"

कार्टोसैट सीरीज के अलावा, रिसैट सैटेलाइट ने मूवमेंट की निगरानी के लिए रडार इमेजरी दी। जीसैट सीरीज ने कम्युनिकेशन में मदद की। टारगेट पर हमले के दौरान भारत के नाविक (Navigation with Indian Constellation) को अन्य ग्लोबल जीपीएस सिस्टम के साथ इस्तेमाल किया गया।

भारत की सुरक्षा के लिए काम कर रहे 10 उपग्रह

इसरो के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन ने कहा है कि देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए 10 उपग्रह लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "इसरो ने 34 देशों के 433 उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित किया है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 10 उपग्रह देश की सुरक्षा के लिए लगातार 24/7 काम कर रहे हैं।"