सार
Pahalgam Terror Attack के बाद Omar Abdullah ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की मांग की। Kashmir Against Terrorism में उमड़ी जनता का जिक्र करते हुए Collateral Damage से बचने पर जोर दिया। पढ़िए पूरा बयान।
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले से पूरे देश में गम और गुस्सा है। इस हमले में 26 निर्दोष टूरिस्टों को मौत के घाट आतंकवादियों ने उतार दिया था। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की वकालत की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्वीट करते हुए स्पष्ट किया कि अब समय आ गया है जब आतंकवाद और उसके स्रोत के खिलाफ बिना किसी ढिलाई के निर्णायक कार्रवाई की जाए।
कश्मीर के लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ स्वतः विरोध किया
अपने बयान में उमर अब्दुल्ला ने लिखा कि 'पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद, आतंकवाद और इसके स्रोत के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने का समय आ गया है। कश्मीर के लोगों ने आतंकवाद और निर्दोष लोगों की हत्या के खिलाफ खुलकर विरोध किया है, और यह विरोध स्वेच्छा से और स्वतः ही हुआ है।' उन्होंने Kashmir Against Terrorism की इस अभूतपूर्व लहर का उल्लेख करते हुए कहा कि अब सरकार को इस समर्थन का सही ढंग से उपयोग करना चाहिए और कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जो जनता को सरकार से दूर कर दे।
Collateral Damage से बचने पर जोर
उमर अब्दुल्ला ने विशेष रूप से यह अपील की कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करते समय निर्दोष नागरिकों को Collateral Damage से बचाया जाए। उन्होंने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाए, उन पर कोई दया न दिखाई जाए लेकिन निर्दोष लोगों को हताहत होने से बचाया जाए। उनके इस बयान को जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के संवेदनशील माहौल में बेहद अहम माना जा रहा है, जहां जनता का मूड आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
जम्मू-कश्मीर में बढ़ता जन समर्थन
पहलगाम हमला के बाद के माहौल के बीच उमर अब्दुल्ला का यह बयान उस समय आया है जब घाटी में स्थानीय लोग आतंकवाद के खिलाफ स्वतः सड़कों पर उतर आए हैं। Kashmir Protest Against Terrorism की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जहां नागरिक खुलेआम आतंकवाद के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
उमर अब्दुल्ला ने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि इस जनसमर्थन का लाभ उठाते समय सतर्कता बरतनी चाहिए ताकि कोई भी गलत कार्रवाई लोगों का भरोसा न तोड़े। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री का यह बयान अब आतंकवाद के खिलाफ चलने वाली सरकारी रणनीति को दिशा देने में अहम भूमिका निभा सकता है।