सार

पहलगाम हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकी हाशिम मूसा पाकिस्तानी सेना का पैरा कमांडो था। ज़िपलाइन ऑपरेटर समेत 15 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिनसे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

नई दिल्ली: 26 पर्यटकों की जान लेने वाले पहलगाम हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकी हाशिम मूसा पाकिस्तानी सेना के विशेष दल का पैरा कमांडो था, यह जांच में पता चला है। पहलगाम हमले में मदद करने के संदेह में स्लीपर सेल की तरह काम करने वाले 15 लोगों को जांच एजेंसियों ने गिरफ्तार किया और पूछताछ की, जिसके बाद कई बातें सामने आई हैं। 

हमले के दौरान एक पर्यटक जब ज़िपलाइन कर रहा था, तब उसने जो वीडियो बनाया, उसमें आतंकी गतिविधियां कैद हो गईं। इसके अलावा, हमले की शुरुआत में ज़िपलाइन ऑपरेटर ने "अल्लाहु अकबर" कहा था, लेकिन इस पर्यटक की पत्नी और बच्चे इससे पहले ज़िपलाइन कर चुके थे, और तब उसने "अल्लाहु अकबर" नहीं कहा था। हमले के बाद ही उसने ऐसा किया। इसलिए, उसे और आतंकवादियों की अप्रत्यक्ष रूप से मदद करने वाले 15 कश्मीरियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई, जिससे कई तथ्य सामने आए।  

इनमें से एक यह है कि पहलगाम हमलावर हाशिम मूसा पाकिस्तानी सेना के विशेष दल का पैरा कमांडो था। प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के साथ काम करने वाले खूंखार आतंकी मूसा को LeT के मास्टरमाइंड ने कश्मीर भेजा था। उसे यहां गैर-स्थानीय लोगों और भारतीय सुरक्षा बलों पर आतंकी हमले करने के खास मिशन पर भेजा गया था। एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान का स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) ने उसे LeT को अपने मकसद के लिए दिया होगा।

पाकिस्तान के SSG के पैरा कमांडो अपरंपरागत युद्ध में प्रशिक्षित होते हैं और गुप्त अभियानों में माहिर होते हैं। उनका कठोर प्रशिक्षण शारीरिक और मानसिक मजबूती के साथ-साथ रणनीतिक सोच पर केंद्रित होता है।  ये SSG कमांडो आधुनिक हथियार चलाने और हाथों-हाथ लड़ाई में भी माहिर होते हैं और उनमें बेहतरीन संचार और जीवित रहने का कौशल होता है। 

पहलगाम हमले की जांच में गिरफ्तार 15 स्थानीय कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्कर्स (Kashmir overground workers) से पूछताछ के दौरान इस पाकिस्तानी आतंकी मूसा हाशिम मूसा का बैकग्राउंड पुख्ता हुआ है। इन कश्मीरियों ने इस पाकिस्तानी आतंकी को सेना की नजरों से बचकर पहलगाम के बैसरन घास के मैदान तक सुरक्षित पहुंचने में मदद की थी। यह पहलगाम हमले और कश्मीर में हुए पिछले हमलों में पाकिस्तान की ISI की भूमिका का अहम सबूत है। 2024 के अक्टूबर में गंदरबल के गगनगीर में हुए आतंकी हमले के लिए भी यही जिम्मेदार हैं। इस हमले में एक डॉक्टर समेत छह गैर-स्थानीय लोग मारे गए थे। बारामूला के बूटा पथरी में आतंकियों के हमले में दो सैनिक और दो सैनिक पोर्टर मारे गए थे।

तीनों हमलों में हाशिम मूसा मुख्य अपराधी निकला है। पाकिस्तान में प्रशिक्षित दो अन्य स्थानीय आतंकी, जुनैद अहमद भट्ट और अरबाज मीर भी गगनगीर और बूटा पथरी हमलों में शामिल थे, लेकिन नवंबर और दिसंबर 2024 में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में उन्हें मार गिराया गया था। तब से मूसा कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाने वाले आतंकी अभियान को अंजाम देने में लगा था। 

पहलगाम हमले की जांच में दक्षिण कश्मीर के स्थानीय आतंकी नेटवर्क और आतंकी संगठनों की संलिप्तता सामने आई है। स्थानीय लोगों ने पहलगाम हमलावरों को रास्ते दिखाए, उन्हें पनाह दी, रसद मुहैया कराई और हथियारों की ढुलाई में मदद की। हमले से पहले और बाद में आतंकियों के ठिकानों की पहचान करने में स्थानीय लोगों ने मदद की और हमले वाली जगह की पूरी रेकी की गई।

अब तक की जानकारी से दो पाकिस्तानी आतंकियों, हाशिम मूसा और अली भाई, और इतने ही स्थानीय लोगों, आदिल ठोकर और आसिफ शेख, की भूमिका की पुष्टि हुई है, लेकिन कश्मीर में गिरफ्तार 15 लोगों से पूछताछ से पता चलता है कि इस हमले में और भी पाकिस्तानी आतंकी शामिल हो सकते हैं। कुल मिलाकर, पर्यटकों से ही पेट पालने वाले कुछ कश्मीरियों ने उन पर ही हमला करके खुद अपने पेट पर लात मार ली है।