Tahawwur Rana custody: तहव्वुर राणा की कस्टडी बढ़ा दी गई है। एनआईए कोर्ट ने सोमवार को राणा की कस्टडी 12 दिन और बढ़ा दी। 26/11 आतंकी हमले में शामिल राणा को बीते दिनों अमेरिका से प्रत्यर्पण करा लाया गया है। अब वह भारतीय कानून का सामना कर रहा है। 26/11 मुंबई आतंकी हमलों का यह मुख्य साजिशकर्ता भारतीय एजेंसियों से बचने के लिए अमेरिकी कोर्ट में पहुंचा था। लेकिन वहां उसे राहत नहीं मिली और कई सालों की मेहनत के बाद उसे भारत लाया जा सका। एक विशेष विमान से उसे भारत लाया गया। राणा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) की संयुक्त टीम ने लाया। यहां पहुंचने के बाद उसकी गिरफ्तारी की औपचारिकताएं पूरी की गई और इसके बाद उससे लगातार पूछताछ की जा रही है। तहव्वुर राणा पर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, आपराधिक साजिश, हत्या, जालसाजी और UAPA जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज है।
राणा और डेविड हेडली की मिलीभगत
64 वर्षीय राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है जो अमेरिका के शिकागो में रहता था। उसे 2011 में आतंकियों को मदद देने के आरोप में दोषी करार दिया गया था और 13 साल की सजा सुनाई गई थी। वह फिलहाल लॉस एंजिलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद था। तहव्वुर राणा का संबंध पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से भी रहा है। हेडली, 26/11 हमले का मुख्य आरोपी है। हेडली ने ही बताया था कि राणा ने उसे लॉजिस्टिक और फाइनेंशियल सपोर्ट दिया था। हेडली ने राणा की इमिग्रेशन कंसल्टेंसी का कर्मचारी बनकर मुंबई का रेक्की किया था।
अमेरिका में कब और क्यों हुआ दोष सिद्ध?
राणा को अमेरिका में डेनमार्क में आतंकी साजिश और लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) को समर्थन देने के दो मामलों में दोषी पाया गया। भारत ने उसे 26/11 हमले के संबंध में भारत लाने की कोशिश 2020 से शुरू की थी।
2011 में अमेरिका में दोषी ठहराया गया था
राणा को 2011 में अमेरिका की अदालत ने डेनमार्क में आतंकी हमले की साजिश और पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) को समर्थन देने के जुर्म में दोषी ठहराया था। इसी संगठन ने 2008 के मुंबई हमलों की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे।
26/11 का आतंक: तीन दिन की खौफनाक तबाही
साल 2008 में हुए 26/11 मुंबई हमलों में आतंकियों ने ताज होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, नरीमन हाउस और अन्य स्थलों को निशाना बनाया था। भारत ने शुरू से यह कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान स्थित तंत्र ने इस हमले की योजना बनाई थी, जिसे पाकिस्तान लगातार नकारता रहा है। अब तहव्वुर भारतीय कानून के शिकंजे में होने से काफी सारा सच सामने आ सकता है।