सार

MHA Blackout Guidelines: Pahalgam Terror Attack के बाद भारत में पहली बार 54 सालों में Nationwide Security Drill होने जा रही है, जिसमें ब्लैकआउट (Blackout Measures), Air Raid Warnings और Civil Defence Protocols शामिल होंगे। 

 

MHA Blackout Guidelines: पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा ड्रिल (Nationwide Security Drill) की घोषणा की है जो गुरुवार को पूरे देश में आयोजित की जाएगी। 54 साल में पहली बार इस तरह का सुरक्षा अभ्यास किया जा रहा है जिसमें ‘ब्लैकआउट प्रावधान’ (Blackout Measures) को भी शामिल किया गया है। गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) द्वारा सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

ब्लैकआउट क्यों जरूरी है?

गृह मंत्रालय के अनुसार, ब्लैकआउट के जरिए दुश्मन के हाई-स्पीड एयरक्राफ्ट की नेविगेशन में मुश्किल पैदा की जा सकती है। ‘जनरल प्रिंसिपल्स ऑफ सिविल डिफेंस इन इंडिया’ नामक दस्तावेज के मुताबिक, अगर ज़मीन से 5,000 फीट की ऊंचाई तक कोई रोशनी नहीं दिखे तो दुश्मन के पायलट का भ्रम बढ़ता है जिससे हमला रोकने में मदद मिल सकती है।

ब्लैकआउट में क्या होगा बंद, क्या रहेगा चालू

  1. सभी स्ट्रीट लाइट्स, फैक्ट्रियों और वाहनों की लाइट पर सख्त पाबंदी लागू होगी। विज्ञापन और डेकोरेशन की सभी लाइटें प्रतिबंधित रहेंगी।
  2. स्ट्रीट लाइट सिर्फ नीचे की ओर झुकी होनी चाहिए और उसकी रोशनी 25 वॉट के बल्ब या हैरिकेन लालटेन जितनी सीमित होनी चाहिए।
  3. सभी इमारतों में पर्दे या अपारदर्शी मटेरियल से खिड़कियों को ढकना अनिवार्य होगा।
  4. कोई भी लाइट बाहर या ऊपर की ओर चमकती नज़र नहीं आनी चाहिए।

वाहनों की लाइट कैसे करें ब्लैकआउट के लिए तैयार

  • वाहनों की हेडलाइट्स पर ड्राय ब्राउन पेपर की एक परत नीचे और दो परतें ऊपर लगानी होंगी ताकि रोशनी नीचे की ओर सीमित रूप से निकले।
  • दूसरे विकल्प में कार्डबोर्ड डिस्क का प्रयोग किया जा सकता है, जिसमें एक पतली क्षैतिज स्लिट होगी। हैंड टॉर्च को भी पेपर में लपेटना होगा।

एयर रेड अलर्ट कैसे दिया जाएगा

वायु सेना (Indian Air Force) के पास दुश्मन के विमान की जानकारी सबसे पहले आएगी। उसके बाद सूचना संबंधित सिविल डिफेंस कंट्रोल सेंटर्स तक जाएगी और वहां से हर शहर के अलर्ट सिस्टम को सक्रिय किया जाएगा।

चार प्रकार के अलर्ट होंगे:

  1. एयर रेड मैसेज - येलो: गोपनीय चेतावनी, जिसमें संभावित खतरे की जानकारी दी जाएगी।
  2. एयर रेड मैसेज - रेड: सीधा खतरा, जिसमें तुरंत हमले की आशंका होगी।
  3. एयर रेड मैसेज - ग्रीन: खतरा टल गया है।
  4. एयर रेड मैसेज - व्हाइट: येलो अलर्ट वाला खतरा अब मौजूद नहीं है।

राजनीतिक और रणनीतिक संकेत

यह ड्रिल उस समय हो रही है जब भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan Tensions) के बीच तनाव चरम पर है। केंद्र सरकार का यह कदम न केवल आतंकी हमलों से निपटने की तैयारी है, बल्कि सिविल डिफेंस (Civil Defence India) की जागरूकता और प्रशिक्षण का भी संकेत है। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी ड्रिल्स भविष्य में बड़े हमलों से बचाव में अहम साबित हो सकती हैं।