सार
Pahalgam Attack Aftermath: बिलाल लोन ने कश्मीर से 'तुष्टीकरण की राजनीति' खत्म होने की बात कही। पहलगाम हमले के बाद घाटी में नई सोच, पाकिस्तान को सख्त संदेश। जानिए पूरी कहानी।
Bilal Gani Lone Exclusive: पहलगाम (Pahalgam) में 26 निर्दोषों के कत्लेआम के बाद, जम्मू-कश्मीर से एक तीखी आवाज उठी है। कभी अलगाववादी रहे और अब मुख्यधारा में लौटे बिलाल गनी लोन (Bilal Gani Lone) ने सीधे-सपाट शब्दों में कहा कि तुष्टीकरण खत्म हो चुका है, अब कश्मीरियों को उनके अपने तरीके से जीने दिया जाना चाहिए।
देशभर में जब आक्रोश उफान पर है बिलाल लोन ने कश्मीरियों के सम्मान और सामान्य जीवन की मांग करते हुए 'fringe elements' को जड़ से खत्म करने की बात कही।
'2,000 लोग जेल में, फिर भी आम आदमी को क्यों सताया जा रहा?'
अलगाववादी नेता रहे बिलाल लोन ने खुलासा किया कि घाटी में करीब 2,000 लोग जेल में हैं, जिनमें कई वो भी हैं जिन्होंने आतंक का रास्ता छोड़ दिया था। उन्होंने चेताया कि बेगुनाहों को निशाना बनाना बंद किया जाए और सिर्फ सच्चे गुनहगारों पर कार्रवाई हो।
'अगर 20 जवान भी होते, एक भी जान न जाती'
पहलगाम हमले पर उनकी टिप्पणी ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। बिलाल लोन ने अफसोस जताते हुए कहा कि अगर 20 जवान भी मौके पर होते, तो 26 जानें न जातीं।
'ना भारत, ना पाकिस्तान - कश्मीर खुद संभालेगा अपने ज़ख्म'
बिलाल गनी लोन ने साफ कहा कि अब कश्मीर को अपने मुद्दे खुद सुलझाने चाहिए। न भारत से शिकायत, न पाकिस्तान से उम्मीद। उन्होंने चेताया कि अगर फिर कट्टरता बढ़ी तो वो खुद सबसे पहले घाटी छोड़ देंगे।
'हर कश्मीरी को आतंकवादी मत समझो'
पहलगाम हमले के बाद कुछ जगहों पर कश्मीरी छात्रों और व्यापारियों को निशाना बनाने की खबरों पर भी लोन ने चेतावनी दी कि सभी कश्मीरियों को दोषी मत बनाइये, दोषियों को सजा दीजिए।
कभी हुर्रियत का सबसे चर्चित चेहरा थे बिलाल गनी लोन
बिलाल गनी लोन कभी हुर्रियत (Hurriyat Conference) का अहम चेहरा रहे हैं। उनके छोटे भाई सज्जाद लोन आज जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सक्रिय नेता हैं। बिलाल खुद भी एलके आडवाणी से मुलाकात कर भारत के संविधान के तहत समाधान तलाशने की कोशिश कर चुके हैं।
बहरहाल, पहलगाम में 26 मासूमों की हत्या ने सिर्फ भारत नहीं, बल्कि पूरे कश्मीर को झकझोर दिया है। बिलाल लोन की भावनाओं से साफ है कि आज का कश्मीर 'खुशहाली' चाहता है, बिना आतंक, बिना डर, और बिना राजनीति के तुष्टीकरण के विकास के पथ पर आगे बढ़ना चाहता।