सार

Banu Mushtaq Wins International Booker Prize: कन्नड़ लेखिका बानू मुश्ताक ने 'हार्ट लैंप' के लिए बुकर पुरस्कार जीत कर इतिहास रचा है। पहली कन्नड़ किताब को यह सम्मान मिला है।  

Banu Mushtaq Wins International Booker Prize: भारतीय लेखिका, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता बानू मुश्ताक ने अपनी कन्नड़ भाषा में लिखी किताब ‘हार्ट लैंप’ के लिए इंटरनेशनल बुकर प्राइज जीतकर इतिहास रच दिया है। यह बुकर पुरस्कार पाने वाली पहली कन्नड़ किताब है।

दीपा भष्ठी ने अंग्रेजी में किया अनुवाद

इस किताब का अंग्रेजी में अनुवाद दीपा भष्ठी ने किया है। खास बात यह है कि यह पहला शॉर्ट स्टोरी कलेक्शन है जिसे इंटरनेशनल बुकर मिला है। दीपा भष्ठी भी इस पुरस्कार को जीतने वाली पहली भारतीय ट्रांसलेटर बन गई हैं।बानू मुश्ताक और दीपा भष्ठी ने यह पुरस्कार लंदन में टेट मॉडर्न आर्ट गैलरी में आयोजित एक समारोह में मंगलवार को प्राप्त किया। पुरस्कार के रूप में 50,000 पाउंड यानी कि लगभग 53 लाख की राशि दी गई, जिसे लेखक और अनुवादक के बीच बराबर बांटा गया है।

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50 हजार पाउंड का मिला पुरस्कार

लेखिका बानू मुश्ताक ने अपनी किताब 'हार्ट लैंप' में दक्षिण भारत की मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी को सरल और आसान भाषा में बताया है। उन्होंने दिखाया कि कैसे महिलाएं एक ऐसे समाज में जीती हैं जहां सारे फैसले मर्दों के हाथ में होते हैं। यह कहानियां 1990 से लेकर 2023 तक करीब 30 साल के समय में लिखी गईं। इस दौरान मुश्ताक ने कुल 50 कहानियां लिखीं, जिनमें से 12 चुनिंदा कहानियों का अंग्रेजी में अनुवाद दीपा भष्ठी ने किया।