सार
Jammu and Kashmir Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के अखनूर के भट्टल इलाके में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास मंगलवार को आतंकवादियों ने आईईडी विस्फोट किया। इस घटना में 29 साल के नायक मुकेश सिंह मन्हास और कैप्टन करमजीत सिंह बख्शी की मौत हो गई।
मन्हास जम्मू-कश्मीर के सांबा के रहने वाले थे। वहीं, करमजीत झारखंड से थे। हाल ही में मन्हास की सगाई हुई थी। वह दो सप्ताह की छुट्टी के बाद 28 जनवरी को ड्यूटी पर लौटे थे। परिवार के लोग शादी की तैयारी में जुटे थे तभी उनके पास मनहूस खबर पहुंची। इससे जश्न का माहौल अचानक मातम में बदल गया।
बुधवार को मन्हास का पार्थिव शरीर सांबा के ब्री कामिला गांव में लाया गया। उनके अंतिम दर्शन के लिए रिश्तेदार और गांव के लोग जुटे। पार्थिव शरीर आते ही पूरे गांव में मातम का माहौल छा गया। गांव वालों ने कहा कि मन्हास होनहार लड़का था। उसे क्रिकेट खेलना पसंद था। वह सभी की मदद करता था। कोई भी मुश्किल में हो वह हमेशा मदद के लिए तैयार रहता था। मन्हास के बचपन के एक दोस्त ने कहा, "उसे क्रिकेट खेलना पसंद था। गांव आने पर उसने युवाओं के लिए क्रिकेट पिच तैयार करने की कोशिश की थी।"
मन्हास के पिता बोले- उसमें छोटी उम्र से थी देश सेवा की इच्छा
मन्हास के पिता चगतार सिंह रिटायर पुलिस कर्मी हैं। उन्होंने बताया कि मन्हास जम्मू के अखनूर में तैनात होने से पहले सियाचिन, कश्मीर और पंजाब में था। मेरे बेटे में बहुत छोटी उम्र से ही देश सेवा की इच्छा थी। चगतार सिंह ने कहा, "मेरे बेटे ने सेना में साढ़े नौ साल से अधिक समय तक सेवा की। वह सगाई की रस्म के लिए ड्यूटी से दो सप्ताह की छुट्टी लेकर गांव आए थे। 28 जनवरी को अपनी यूनिट में लौट गए थे।"
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युवाओं को बुरी आदतों से दूर करने के लिए कहते थे मन्हास
मन्हास की दो बहनें हैं। दोनों की शादी हो चुकी है। उनकी शादी 20 अप्रैल को होनी थी। परिवार के करीबी एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि मन्हास ने युवाओं को खेलों में शामिल होने और बुरी आदतों से दूर रहने के लिए प्रेरित करता था। हमने एक सच्चा रत्न खो दिया है। दुश्मन में हमारे वीर सैनिकों का सामना करने की हिम्मत नहीं है। हमें विश्वास है कि हमारे सुरक्षा बल शहीदों को न्याय दिलाने के लिए उचित कार्रवाई करेंगे।