सार

पहलगाम आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत, हमलावरों ने इस्तेमाल किए कोड नाम। सेना ने जारी किए संदिग्धों के स्केच, तलाशी अभियान जारी।

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोग मारे गए। इनमें ज्यादातर पर्यटक थे। सुरक्षा एजेंसियों ने बुधवार को खुलासा किया कि हमला करने वाले तीन संदिग्ध आतंकवादियों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए मूसा, यूनुस और आसिफ जैसे खास कोड नामों का इस्तेमाल किया था। हमला करने वाले संदिग्धों की पहचान आसिफ शेख, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के रूप में हुई है। माना जाता है कि वे लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के सदस्य हैं।

अधिकारियों के अनुसार इस आतंकी हमले में शामिल तीन दहशतगर्द पहले पुंछ में सक्रिय थे। क्षेत्र में आतंकी हमलों को अंजाम देने का उनका इतिहास रहा है। आतंकियों द्वारा अपनी पहचान छिपाने के लिए उप नाम का इस्तेमाल करना नई बात नहीं है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ये नाम भ्रम पैदा करने, पहचान से बचने और आतंकवादी नेटवर्क के भीतर अदला-बदली योग्य पहचान स्थापित करने के प्रयास का हिस्सा लग रहे हैं।

पहलगाम हमले में बचे लोगों से मिली जानकारी के आधार पर तीन संदिग्धों के स्केच बनाकर जारी किए गए हैं। काले और सफेद पेंसिल स्केच से पता चलता है कि ये लोग युवा और दाढ़ी वाले हैं। एक धुंधली तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें एक व्यक्ति AK-47 राइफल लेकर भागता दिखा है। यह तस्वीर जीवित बचे लोगों द्वारा दी गई जानकारी से मेल खाती है। इसकी प्रामाणिकता की अभी पुष्टि की जा रही है।

मंगलवार दोपहर 1:30 बजे पहलगाम में हुआ हमला

यह हमला मंगलवार को दोपहर 1:30 बजे पहलगाम के पास हरे-भरे बैसरन घास के मैदानों में हुआ। जिंदा बचे लोगों ने बताया कि आतंकी भारतीय सेना जैसी वर्दी पहनकर आए थे। उन्होंने पहले पीड़ितों से उनका धर्म पूछा फिर गोली चलाई। कई पीड़ितों से हमलावरों ने गोली चलाने से पहले इस्लामी आयतें पढ़ने को कहा।

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आतंकियों की तलाश कर रही सेना

भारतीय सेना की चिनार कोर ने बताया है कि आतंकियों की तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा, "यह हमला सिर्फ पर्यटकों पर नहीं बल्कि कश्मीर की शांति और प्रगति पर है। इसका जवाब निर्णायक होगा।"