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इसरो लॉन्च करने जा रहा EOS-09 सैटेलाइट, जानें इसकी खास बातें, क्यों परेशानी में पाकिस्तान
ISRO (Indian Space Research Organisation) 101वें उपग्रह EOS-09 को लॉन्च करने के लिए तैयार है। यह भारत की अंतरिक्ष-आधारित निगरानी क्षमताओं को बढ़ाएगा। इससे दिन रात या खराब मौसम हर वक्त निगरानी हो सकेगी। इससे पाकिस्तान की परेशान बढ़ जाएगी।
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PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle) रविवार सुबह 5:59 बजे EOS-09 को लॉन्च करेगा। EOS-09 में C-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार लगा है। यह हर तरह के मौसम में दिन और रात दोनों समय पृथ्वी की सतह की हाई रिजॉल्यूशन तस्वीरें लेगा। आकाश में बादल हो तब भी यह देख सकता है कि नीचे जमीन पर क्या है।
EOS-09 उपग्रह का वजन 1,710kg है। यह पांच साल तक काम करेगा। EOS-09 अर्थ ऑर्जरवेशन सैटेलाइट है। इसका काम लगातार धरती की तस्वीरें लेना है। भारत इसकी मदद से चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा की निगरानी कर सकता है। इससे दुश्मन के इलाके की निगरानी भी की जा सकती है।
एडवांस सी-बैंड SAR से लैस EOS-09 को बाढ़ मैपिंग, चक्रवात ट्रैकिंग, भूस्खलन का पता लगाने और तटीय सुरक्षा जैसे रियल टाइम इस्तेमाल के लिए डिजाइन किया गया है।
EOS-09 में एडवांस रडार तकनीक और इमेजिंग फीचर हैं। 5 इमेजिंग मोड के साथ -जिसमें हाई-रिजॉल्यूशन स्पॉटलाइट और मीडियम रिजॉल्यूशन स्कैनएसएआर फोटो लेने की क्षमता है। यह किसी इलाके की 1-मीटर रिजॉल्यूशन तक निगरानी कर सकता है। यह अंतरिक्ष में मौजूद ऐसे आंख की तरह है, जिससे कुछ छिप नहीं सकता।
बादल घिरने, तूफान आने या रात होने पर ज्यादातर उपग्रह अंधे हो जाते हैं। लेकिन C-band SAR से लैस यह उपग्रह ऐसा नहीं करता। इसका सी-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार उन चीजों को देख लेता है जिन्हें ऑप्टिकल उपग्रह नहीं देख पाते। यह बादल, बारिश, कोहरा और धूल जैसे रुकावट के बिना दिन-रात निगरानी करता है।
1 मीटर तक के रिजॉल्यूशन के साथ सी-बैंड एसएआर जमीन पर आए छोटे बदलाव को भी देख लेता है। जैसे कि वाहनों की हरकतें या मिट्टी की गड़बड़ी। ये अक्सर सैन्य अभियानों या आतंकी गतिविधि के महत्वपूर्ण संकेतक होते हैं। यह एक बार में 10 से 225 किलोमीटर तक की चौड़ाई को स्कैन करता है। इसे बड़े पैमाने पर आपदा मानचित्रण (जैसे बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन) और सूक्ष्म सर्वेक्षण दोनों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।