Operation Sindoor: ISRO की निगरानी से कैसे तय हुआ आतंकियों का अंत? यहां जानें
पहलगाम में हुए खूनी हमले के बाद ISRO के 10 सैटेलाइट्स ने संभाली देश की सीमाएं! ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में छिपे आतंकियों पर हुई खुफिया कार्रवाई—जानिए कैसे आसमान से हुई आतंक की निगरानी और तबाही।
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ISRO की निगाहें अब बॉर्डर पर
भारत की सीमाओं की सुरक्षा अब ISRO के हाईटेक सैटेलाइट्स के हवाले है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों को सटीक जानकारी देने के लिए 10 उपग्रह लगातार निगरानी कर रहे हैं।
पहलगाम का खूनी हमला
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाकर हत्या कर दी। इस वीभत्स घटना ने पूरे देश को हिला दिया।
ISRO की तकनीक बनी भारत की ढाल
ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने खुलासा किया कि 10 सैटेलाइट्स सीमाओं पर 24x7 निगरानी कर रहे हैं। इनका मकसद नागरिकों की सुरक्षा और दुश्मनों की हरकतों पर नजर रखना है।
ऑपरेशन सिंदूर – आतंक पर कहर
पहलगाम हत्याकांड के दो हफ्तों के अंदर ही भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च कर पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया।
टारगेट सिर्फ आतंकी, आम लोग सुरक्षित
भारत की जवाबी कार्रवाई बेहद सटीक थी। सिर्फ आतंकी कैंप निशाने पर थे, किसी नागरिक या धार्मिक स्थल को नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
सैटेलाइट + ड्रोन = भारत की नई रणनीति
ISRO के सैटेलाइट्स के साथ मिलकर ड्रोन टेक्नोलॉजी ने भी जमीनी हकीकत को साफ किया। लक्ष्य तय कर टारगेट्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई।
समुद्री सीमा भी अब सुरक्षित
नारायणन ने कहा, “हमें 7000 किलोमीटर की समुद्री सीमा की निगरानी करनी है, और ये ISRO की तकनीक के बिना संभव नहीं।”
ISRO ने अब तक 127 सैटेलाइट लॉन्च किए
इनमें 22 LEO और 29 GEO में हैं। खासतौर पर Cartosat, RISAT, Microsat और EMISAT सीरीज़ निगरानी में इस्तेमाल हो रहे हैं।
पाकिस्तान के एयरबेस पर भी करारा जवाब
भारत ने नूर खान, रफीकी और सुक्कुर जैसे प्रमुख पाकिस्तानी एयरबेस पर भी जवाबी कार्रवाई की, जबकि पाकिस्तान का प्रयास असफल रहा।
ISRO की ताकत, भारत की सुरक्षा
ISRO की आंखें अब सीमाओं पर हैं। तकनीक, टारगेट और टाइमिंग के तालमेल से भारत ने एक बार फिर साबित किया—जो मारे गए हैं निर्दोष, उनका हिसाब पक्का है।