सार

इसरो का नया उपग्रह EOS-9 दुश्मन पर दिन-रात नज़र रखेगा। यह रात में और बादलों के पार भी देख सकता है, जिससे सीमा सुरक्षा और मजबूत होगी। इसे रविवार सुबह लॉन्च किया जाएगा। 

ISRO satellite launch: ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद हुए सैन्य टकराव में भारत के उपग्रहों ने बेहद अहम रोल निभाया। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO (Indian Space Research Organisation) एक और उपग्रह अंतरिक्ष में तैनात करने के लिए तैयार है। यह हर वक्त दुश्मन पर नजर रखेगा।

इसरो का यह सैटेलाइट दिन रात निगरानी कर सकता है। यह रात के अंधेरे में भी काम करता है और बादल के पार भी देख सकता है। इससे भारत की उपग्रह आधारित निगरानी क्षमता बढ़ेगी। इससे पाकिस्तान और चीन से लगी सीमा की निगरानी भी बेहतर होगी।

इसरो द्वारा लॉन्च किए जाने वाले इस उपग्रह का नाम EOS-9 है। यह एक रडार इमेजिंग उपग्रह है। इसका काम पता लगाना है कि कहां रडार तैनात किए गए हैं। यह पृथ्वी की सतह से 500 किलोमीटर से अधिक ऊपर स्थापित किया जाएगा। इसरो इसे रविवार सुबह 5.59 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च करेगी। इस उपग्रह को अंतरिक्ष में PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle) रॉकेट द्वारा पहुंचाया जाएगा।

क्यों खास है भारत का EOS-9 रडार इमेजिंग उपग्रह

EOS-9 रडार इमेजिंग उपग्रह भारत का स्वदेशी सैटेलाइट है। इसे इसरो के बेंगलुरू स्थित यू.आर. राव सैटेलाइट सेंटर द्वारा डिजाइन किया गया है। यह "जासूसी" उपग्रह सी-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार से लैस है। यह सभी तरह के मौसम में और कम रोशनी में भी पृथ्वी की सतह की हाई रिजॉल्यूशन फोटो लेने में सक्षम है।

EOS-9 अंतरिक्ष में भारत के पहले से मौजूद 57 से ज्यादा उपग्रहों के समूह में एक और उपग्रह होगा। इनमें कक्षा में मौजूद चार रडार उपग्रह शामिल हैं। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद इन रडार उपग्रहों का इस्तेमाल पाकिस्तानी सेना की गतिविधियों पर नजर रखने में हुआ।

EOS-9 कार्टोसैट-3 उपग्रह की तुलना में काफी बेहतर तस्वीरें देगा। कार्टोसैट-3 रात में काम नहीं करता है। कार्टोसैट-3 उपग्रह अपनी निचली पृथ्वी कक्षा से आधे मीटर से भी कम रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें भेज सकता है।