Supreme Court OBC Certificate Case: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा—क्या एकल मां के बच्चे को पिता की जाति से जोड़ना जरूरी? केंद्र ने किया समर्थन, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मांगा जवाब।
Inter-caste Marriage OBC Certificate Issue: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को OBC समुदाय की सिंगल मदर्स (Single Mothers from OBC Community) के बच्चों को जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate) देने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब तलब किया है। याचिका में मांग की गई है कि ऐसे मामलों में केवल पिता या पितृवंश (Paternal Lineage) के आधार पर OBC प्रमाण पत्र जारी करने की मौजूदा व्यवस्था को बदला जाए और मां की जाति के आधार पर बच्चों को OBC प्रमाण पत्र दिए जाएं।
इंटर-कास्ट मैरिज पर क्या है स्थिति? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा
जस्टिस केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एनके सिंह की पीठ ने विशेष रूप से पूछा कि अगर किसी महिला ने इंटर-कास्ट शादी की हो तो उस स्थिति में OBC सर्टिफिकेट कैसे तय किया जाता है? बेंच ने यह भी सवाल उठाया कि अगर कोई महिला तलाकशुदा है तो उसे बच्चों के लिए OBC प्रमाण पत्र पाने हेतु अपने पति से क्यों संपर्क करना पड़े?
OBC प्रमाण पत्र गाइडलाइन और याचिकाकर्ता की दलील
वर्तमान में OBC प्रमाण पत्र पिता, दादा या चाचा की जाति के आधार पर जारी किए जाते हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह व्यवस्था सिंगल मदर्स और उनके बच्चों के लिए गंभीर कठिनाइयां उत्पन्न करती है, विशेषकर जब पिता अनुपस्थित, मृत या गैर-सहयोगी हों।
केंद्र सरकार ने दिया समर्थन, कहा राज्यों की भी भूमिका जरूरी
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने पहले ही इस मुद्दे पर अपना हलफनामा दाखिल कर याचिकाकर्ता के पक्ष में समर्थन जताया है। लेकिन यह स्पष्ट किया कि चूंकि जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया राज्य सरकारों द्वारा नियंत्रित होती है इसलिए सभी राज्यों से जवाब जरूरी है।
SC/ST मामलों पर पहले ही आ चुका है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
बेंच ने यह भी रेखांकित किया कि SC/ST समुदाय के संदर्भ में पहले ही ऐसे गाइडलाइन जारी किए जा चुके हैं जिनके तहत सिंगल मदर्स के बच्चों को जाति प्रमाण पत्र देने का अधिकार मान्यता प्राप्त है।
अगली सुनवाई 22 जुलाई को, गाइडलाइन हो सकते हैं जारी
एपेक्स कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह याचिका सामाजिक न्याय और समानता से जुड़ा एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा उठाती है और इसकी अंतिम सुनवाई 22 जुलाई को होगी। इस दौरान संभावित रूप से नए दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं, जिससे OBC समुदाय की सिंगल मदर्स के बच्चों को उनका हक मिल सके।