सार
Indian Deportation from USA 2025: जनवरी 2025 से अब तक अमेरिका से 1080 भारतीयों की वापसी, 62% आम विमानों से लौटे। अमेरिकी वीज़ा सख्ती पर विदेश मंत्रालय ने जताई चिंता, छात्रों की भलाई को बताया प्राथमिकता।
Indian Deportation from USA 2025: अमेरिका अभी तक एक हजार से अधिक भारतीयों को वापस भेज चुका है। रिकॉर्ड के अनुसार, जनवरी 2025 से लेकर अब तक अमेरिका से 1,080 भारतीय नागरिकों को वापस भेजा जा चुका है। इनमें से लगभग 62% आम विमानों से लौटे हैं। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि भारत और अमेरिका के बीच इस मुद्दे पर 'अच्छा तालमेल' बना हुआ है। हालांकि, अमेरिका से जबरिया डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों की हथकड़ी और अन्य प्रकार के उत्पीड़न को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
अवैध रहने वालों पर फोकस
गुरुवार को साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने बताया कि अवैध रूप से रह रहे या अवैध यात्रा करने वाले भारतीयों को लेकर जैसे ही हमें जानकारी मिलती है, हम उन्हें वापस ले आते हैं। उनके मुताबिक, यह प्रक्रिया भारतीय दूतावास और अमेरिकी एजेंसियों के सहयोग से व्यवस्थित रूप से चल रही है और भारत हर ऐसे नागरिक की वापसी सुनिश्चित करता है, जो पहचान योग्य होता है।
अमेरिका में छात्र वीज़ा सख्ती पर चिंता
इस बीच, अमेरिका द्वारा विदेशी छात्रों और एक्सचेंज विजिटर्स के वीज़ा इंटरव्यू रोके जाने की खबरों पर भी भारत की नज़र है। अमेरिकी मीडिया संस्थान Politico की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प प्रशासन (Trump Administration) सोशल मीडिया पर आधारित कड़ी स्क्रीनिंग नीति लागू करने की तैयारी में है।
विदेश मंत्रालय का स्पष्ट संदेश
रणधीर जायसवाल ने इस मुद्दे पर कहा: विदेश में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की भलाई भारत सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हम वीज़ा पॉलिसी में बदलावों पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें उम्मीद है कि छात्रों के वीज़ा आवेदन योग्यता के आधार पर समय पर स्वीकार किए जाएंगे, ताकि वे अपने एजुकेशनल प्रोग्राम्स से न चूकें।
क्या है Politico की रिपोर्ट?
Politico के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Marco Rubio) ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया है कि अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों को तत्काल प्रभाव से F, M और J वीज़ा इंटरव्यू अपॉइंटमेंट्स नहीं जोड़नी चाहिए। इसके पीछे कारण बताया गया है कि आतंकवाद और यहूदी विरोध जैसे विषयों पर सोशल मीडिया एक्टिविटी की गहन स्क्रीनिंग की तैयारी की जा रही है। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं किया गया है कि किस प्रकार की सोशल मीडिया गतिविधियां जांच के दायरे में होंगी।