आखिर क्या है सिंधु जल संधि? इससे पाकिस्तान पर क्या होगा असर?
ChatGPT said: बंद दरवाज़ों के पीछे चली रणनीति, 64 साल पुरानी संधि अचानक निलंबित! क्या सिंधु जल संधि की आड़ में पाकिस्तान को दी गई थी खुली छूट? पहलगाम हमले के बाद भारत ने चल दी सबसे खतरनाक चाल—अब क्या होगा पानी का युद्ध?
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64 साल बाद भारत की जल-नीति में धमाकेदार बदलाव
Pahalgam Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले के बाद भारत ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को अनिश्चित काल के लिए निलंबित करने का फैसला किया है। यह वही संधि है जिस पर 1960 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच हस्ताक्षर हुए थे।
पहलगाम हमला बना संधि पर विराम की वजह
22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की निर्मम हत्या हुई। आतंकवादियों ने पहले पीड़ितों से कुरान की आयतें पढ़ने को कहा, और न पढ़ पाने वालों को उनके परिजनों के सामने गोली मार दी। इसके ठीक अगले दिन भारत ने संधि निलंबित कर दी।
लश्कर का कनेक्शन और टीआरएफ की जिम्मेदारी
पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की शाखा 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली। यह खुलासा भारत की सुरक्षा नीतियों को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है और पाकिस्तान की भूमिका पर गंभीर सवाल उठा रहा है।
'खून और पानी एक साथ नहीं चल सकते'—कंवल सिब्बल
पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने पहले ही संधि को स्थगित करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था, “पाकिस्तान की शह पर अगर खून बहता है, तो भारत को पानी बहाने की कोई मजबूरी नहीं।”
सिंधु जल संधि – शांति का प्रतीक या पाकिस्तान के लिए वरदान?
1960 में नेहरू और अयूब खान के बीच हुई संधि के तहत भारत ने तीन पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलुज) का नियंत्रण लिया और पाकिस्तान को पश्चिमी नदियां (सिंधु, झेलम, चिनाब) सौंपी गईं। क्या यह अब भारत के खिलाफ इस्तेमाल हो रही है?
क्या है सिंधु जल संधि?
- 1960 में हस्ताक्षरित यह संधि, भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज नदियों के जल बंटवारे से संबंधित है।
- भारत को पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलुज) पर पूर्ण अधिकार, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) का बहाव प्राप्त है।
- भारत घरेलू, गैर-उपभोग्य और कुछ कृषि उपयोग के लिए पश्चिमी नदियों का जल प्रयोग कर सकता है।
जल की राजनीति: 80% पानी पाकिस्तान को क्यों?
संधि के अनुसार, भारत को केवल 20% पानी का उपयोग मिल रहा है, जबकि पाकिस्तान को 80%। भारत को सिर्फ घरेलू, गैर-उपभोग्य और सीमित सिंचाई के अधिकार मिले हैं। क्या यह संतुलन अब टूटा है?
CCS मीटिंग में फूटा गुस्सा, लिया गया ऐतिहासिक फैसला
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) की मीटिंग में यह फैसला लिया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए संधि को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया गया।
अब क्या होगा? क्या पाकिस्तान को मिलेगा पानी?
सवाल उठता है—क्या यह भारत-पाक रिश्तों का नया मोड़ है? क्या पाकिस्तान को अब सिंधु का पानी मिलेगा? क्या भारत नई जल-नीति बनाएगा? इस फैसले के दूरगामी प्रभाव पर पूरे विश्व की नजरें टिकी हैं।