सार

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान सीज़फायर पर अमेरिका की भूमिका को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सीज़फायर का श्रेय भारतीय सेना को जाता है, न कि अमेरिका को। पाकिस्तान ने खुद ही लड़ाई रोकने की अपील की थी।

India Pakistan Ceasefire and US role: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष और सीज़फायर (Ceasefire) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। जर्मनी के प्रतिष्ठित अख़बार Frankfurter Allgemeine Zeitung को दिए इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि क्या दुनिया को इस सीज़फायर के लिए अमेरिका का शुक्रिया अदा करना चाहिए तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा: धन्यवाद तो मैं भारतीय सेना को दूंगा, जिन्होंने पाकिस्तान को यह कहने पर मजबूर किया कि वे अब रुकना चाहते हैं।

भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के मुख्य ठिकानों को किया था निष्क्रिय

डॉ. जयशंकर ने बताया कि भारत ने 7 मई को आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तान और पीओके (POK) के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। ये जवाबी हमला पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद किया गया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे।

इस हमले के बाद पाकिस्तान ने बौखलाकर भारत की सैन्य और नागरिक ठिकानों पर सैकड़ों ड्रोन हमले किए, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्था को निशाना बनाया। एयर डिफेंस सिस्टम को पंगु कर दिया गया। तभी पाकिस्तान ने भारत से संपर्क कर सीज़फायर की अपील की।

अमेरिका ने सिर्फ चिंता जताई थी

अमेरिका द्वारा इस सीज़फायर का श्रेय लेने पर विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया: अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो (Marco Rubio) और उपराष्ट्रपति जेडी वांस (JD Vance) ने जरूर बात की लेकिन उनकी भूमिका सिर्फ चिंता जताने तक सीमित थी। हमने सभी देशों को साफ-साफ कह दिया था कि अगर पाकिस्तान को लड़ाई रोकनी है तो उन्हें हमें सीधे बताना होगा। हमारे जनरल को उनके जनरल की कॉल आई, तभी सीज़फायर हुआ।

परमाणु युद्ध से बहुत दूर थे, यह धारणा खतरनाक है

एक सवाल पर जब डॉ. जयशंकर से पूछा गया कि क्या भारत और पाकिस्तान परमाणु युद्ध के करीब थे तो उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा: मैं इस सवाल से स्तब्ध हूं। हम आतंकियों पर सीमित और सटीक कार्रवाई कर रहे थे। पाकिस्तान ने गोलाबारी शुरू की, हमने जवाब दिया और फिर उन्हें एहसास हुआ कि उनका रास्ता खतरनाक है। परमाणु स्तर पर हम कहीं भी नहीं पहुंचे।

उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र से जुड़ी हर घटना को परमाणु खतरे से जोड़ देना एक खतरनाक नैरेटिव है, जो आतंकवाद को प्रोत्साहन देता है। वास्तव में परमाणु मुद्दे ज्यादा गंभीर आपके इलाके में हो रहे हैं।

भारत ने दिया आतंक के खिलाफ स्पष्ट संदेश

जयशंकर ने यह भी दोहराया कि इस पूरे ऑपरेशन और संघर्ष में भारत ने यह साफ कर दिया है कि आतंकवाद की कीमत चुकानी होगी। दो हफ्तों से सीमा पर कोई फायरिंग नहीं हुई है, स्थिति स्थिर है।