सार
नई दिल्ली: 1931 के बाद पहली बार देशभर में जनगणना के साथ जाति जनगणना कराने का केंद्र सरकार ने ऐलान किया है, जिस पर चर्चा शुरू हो गई है। लेकिन जाति जनगणना आसान काम नहीं है। एक साथ लाखों सरकारी कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले इस बड़े काम के लिए काफी तैयारी चाहिए। सरकार को ऐसी जनगणना की तैयारी के लिए कम से कम 6 महीने चाहिए। साथ ही 2020 में जनगणना की तैयारी में कुछ बदलाव करने होंगे। इसकी जानकारी यहाँ दी गई है।
कानून में बदलाव चाहिए?: जनगणना के साथ जाति जनगणना कराने के लिए जनगणना कानून में किसी बदलाव की जरूरत नहीं है। मौजूदा कानून के तहत रजिस्ट्रेशन अफसर और जनगणना आयुक्त को सामान्य, अनुसूचित जाति, जनजाति के साथ पिछड़े वर्ग का विकल्प भी देकर, उसके तहत खास वर्गों के नाम लिखने का अधिकार है।
ओबीसी जनगणना के लिए कौन सी लिस्ट?:
1951 से हुई जनगणना में एससी, एसटी के अलावा ओबीसी की गिनती नहीं हुई है। सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण देने के लिए पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय आयोग के पास ओबीसी के आंकड़े हैं। हर राज्य सरकार के पास भी ओबीसी की लिस्ट है, जो केंद्र के आंकड़ों से अलग है। इसलिए सरकार को तय करना होगा कि किस लिस्ट को माना जाए।
तैयारी में कितना समय?:
घोषित जनगणना की तैयारी के लिए सरकार को कम से कम 6 महीने चाहिए। पहले केंद्र को आधिकारिक पत्रों में जनगणना की सूचना देनी होगी। फिर राज्य सरकारों को भी इसे मानना होगा। इसमें 2 महीने लगेंगे। इसके बाद घरों की लिस्ट और जनसंख्या की जानकारी देनी होगी।
2021 में डिजिटल जनगणना की योजना थी, इसलिए उसके सॉफ्टवेयर में ओबीसी वर्ग को जोड़कर अपडेट करना होगा।
जनगणना करने वालों को ट्रेनिंग देनी होगी, जिसमें 2 महीने लगेंगे। फिर जनगणना के तरीकों की जांच करनी होगी।
चुनौतियाँ क्या?:
इस बार जनगणना डिजिटल होने से जानकारी इकट्ठा करने में कुछ चुनौतियाँ आ सकती हैं। लेकिन कर्मचारियों को ट्रेनिंग देकर इसे दूर किया जा सकता है। इससे बड़ी चुनौती है, जनगणना से पहले झूठी खबरें फैलने से रोकने के लिए लोगों को भरोसे में लेना। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने होंगे।
राजनीतिक चुनौतियाँ जाति जनगणना के आंकड़े आने के बाद आएंगी। ये आंकड़े नई ओबीसी जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण कोटा बदलने की जरूरत पैदा करेंगे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय 51% आरक्षण की सीमा हटाने की मांग भी उठ सकती है।
जाति जनगणना की समय सीमा क्या: कांग्रेस का सवाल
-जाति जनगणना पर चर्चा के लिए आज CWC की बैठक-जनगणना के दिशानिर्देश जारी करें: मांग
₹575 करोड़ में कैसी जनगणना करेंगे?
नई दिल्ली: जनगणना के साथ जाति जनगणना के केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस ने कहा, "पीएम मोदी ने खबर तो बना दी, लेकिन कब करेंगे, यह नहीं बताया।"
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "दिसंबर 2019 में हुई कैबिनेट बैठक में 2021 में जनगणना कराने को मंजूरी दी गई थी। लेकिन कोविड के कारण नहीं हुई। 6 साल बाद अब जनगणना का प्रस्ताव आया है। सरकार के इस फैसले पर कई सवाल उठ रहे हैं।" उन्होंने जल्द जनगणना कराने और दिशानिर्देश जारी करने की मांग की। CWC बैठक:
जयराम रमेश ने कहा, "शुक्रवार को पार्टी की कार्यकारिणी समिति की बैठक होगी, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले और जाति जनगणना पर चर्चा होगी। 50% आरक्षण सीमा हटाने पर भी बात होगी।"