गुरुग्राम में खुले स्थल पर नमाज पढ़ने पर प्रशासन ने रोक लगा रखा है। हालांकि, प्रशासन के इस फैसले के बाद दोनों समुदायों और प्रशासन के साथ हुई मीटिंग में खुले में नमाज के लिए 29 जगहों को चिंहित किया गया। इन स्थलों पर नमाज पढ़ने पर सहमति बनी। 

गुड़गांव। खुले में नमाज (Namaz in open places) को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार को गुरुग्राम (Gurugram) के एक जगह पर खुले में नमाज अदा करने से एक संगठन के लोगों ने नमाजियों को रोक दिया। हालांकि, नमाज के पहले ही भारी मात्रा में पुलिस तैनात थी। पुलिस ने नमाज पढ़ने से रोकने और हंगामा करने के आरोप में छह लोगों को हिरासत में लिया है। 

क्या है मामला

गुरुग्राम में खुले स्थल पर नमाज पढ़ने पर प्रशासन ने रोक लगा रखा है। हालांकि, प्रशासन के इस फैसले के बाद दोनों समुदायों और प्रशासन के साथ हुई मीटिंग में खुले में नमाज के लिए 29 जगहों को चिंहित किया गया। इन स्थलों पर नमाज पढ़ने पर सहमति बनी। लेकिन इसके बावजूद कुछ संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। 

शुक्रवार को सेक्टर 37 में नमाज पढ़ने से रोकने की कोशिश

समझौते के 29 जगहों में से एक सेक्टर 37 में भी शुक्रवार को कुछ मुस्लिम समाज के लोग नमाज पढ़ने के लिए एकत्र हुए। एक वायरल वीडियो में दिख रहा है कि कुछ लोग नमाज पढ़ने के लिए एकत्र हुए हैं और भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात हैं। वीडियो में प्रदर्शनकारी नमाज स्थल से करीब तीस मीटर की दूरी पर भारत माता की जय और जयश्रीराम के नारे लगा रहे हैं। पुलिस इनको रोकने के लिए एक घेरा बनाए हुए है।

बड़ी मशक्कत से पुलिस ने नमाज कराया अदा

प्रदर्शनकारियों के शोरगुल और विरोध प्रदर्शन के बीच पुलिस किसी तरह नमाजियों को नमाज अदा करा सकी। इसी बीच आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने न केवल विरोध प्रदर्शन किया बल्कि नमाजियों को जाने से भी रोका। 

15 मुसलमानों ने अदा किया नमाज

भारी विरोध के बीच पुलिस ने 15 लोगों को सेक्टर 37 में नमाज पढ़वाया। बताया जा रहा है कि नमाज अदा करने के पहले दिन में शरारती तत्वों ने यहां ट्रक खड़े कर दिए थे जिसे बाद में पुलिस ने खाली कराया। 

2018 में हुआ था समझौता

2018 में इसी तरह की झड़पों के बाद हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एक समझौता हुआ था। इसके तहत नमाज के लिए 29 स्थलों में से एक, सेक्टर 37 स्थित मैदान है।

बता दें कि नमाज के लेकर दो पक्षों के आमने-सामने होने के बाद कुछ महीनों पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा था कि सभी को प्रार्थना करने का अधिकार है, लेकिन उन्होंने एक चेतावनी भी जारी की, जिसमें कहा गया कि जो लोग नमाज अदा करते हैं उन्हें सड़क यातायात को अवरुद्ध नहीं करना चाहिए।

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