कुछ भयानक दर्दनाक-कुछ सुकून भरा...2025 में गुजरात को क्यों रखा जाएगा याद?
साल 2025 गुजरात के लिए हादसों और उम्मीदों से भरा रहा। एक तरफ प्लेन क्रैश और पुल टूटने जैसी दर्दनाक घटनाएं हुईं, तो वहीं 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी और एशियाई शेरों की बढ़ती आबादी ने खुशी के पल भी दिए।

एयर इंडिया प्लेन क्रैश: सबसे घातक हवाई हादसों में से एक
12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने के 40 सेकंड से भी कम समय में एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 एक मेडिकल हॉस्टल कॉम्प्लेक्स में क्रैश हो गई, जिससे भीषण आग लग गई। यह त्रासदी हाल के इतिहास के सबसे घातक हवाई हादसों में से एक है, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई। इनमें विमान में सवार 241 यात्री और क्रू मेंबर के अलावा जमीन पर मौजूद 19 लोग भी शामिल थे। मरने वालों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी थे। इस घटना ने दुनिया भर के कई परिवारों को तोड़कर रख दिया।
क्रैश साइट से आए दिल दहला देने वाले वीडियो में खून से लथपथ और बदहवास एक शख्स मलबे से बाहर निकलता दिखा। वह दीव का रहने वाला एक NRI था जो लंदन में रहता है। वह बार-बार कह रहा था, 'प्लेन फाट्यो छे,' जिसका मतलब है कि प्लेन फट गया।
बचने वाले शख्स की पहचान विश्वास कुमार के रूप में हुई, जो सीट 11A पर बैठा था। उसने बाद में मीडिया को बताया कि उसे खुद नहीं पता कि वह कैसे बच गया। उसने कहा, 'मुझे लगा मैं मर चुका हूं। फिर मुझे एहसास हुआ कि मैं जिंदा हूं और मैंने विमान के ढांचे में एक छेद देखा।' कुमार ने अपनी सीट बेल्ट खोली, अपने पैर से धक्का देकर उस छेद से बाहर निकला और मलबे से रेंगकर सुरक्षित जगह पर पहुंच गया।
गंभीरा पुल हादसा
वडोदरा जिले के गंभीरा गांव के पास माहीसागर नदी पर बने पुल का एक हिस्सा टूटने से पूरे गुजरात में हड़कंप मच गया। चार दशक पुराने इस पुल पर चल रहे कई वाहन नीचे नदी में जा गिरे, जिससे कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई।
इस घटना के बाद लोगों में भारी गुस्सा देखने को मिला और पुल के निरीक्षण और रखरखाव में कथित लापरवाही को लेकर राज्य सरकार की तीखी आलोचना हुई। यह पुल मध्य गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र के बीच एक अहम कड़ी था, जिससे पुरानी इमारतों और पुलों की सुरक्षा जांच पर गंभीर सवाल खड़े हो गए।
पटाखा गोदाम में विस्फोट, 18 लोगों की मौत
एक और दुखद घटना में, अप्रैल में बनासकांठा जिले में एक इमारत में जोरदार धमाके के बाद भीषण आग लग गई, जिसमें कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई। आरोप है कि इस इमारत का इस्तेमाल अवैध रूप से पटाखे रखने और बनाने के लिए किया जा रहा था।
इस धमाके से भारी नुकसान हुआ और रिहायशी व सेमी-इंडस्ट्रियल इलाकों में सुरक्षा नियमों को लागू करने और खतरनाक सामानों के रेगुलेशन को लेकर एक बार फिर गंभीर चिंताएं खड़ी हो गईं।
राज्य भर में हुए जानलेवा हादसे
जनवरी में, पोरबंदर के बाहरी इलाके में एक हवाई अड्डे पर तटरक्षक बल का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें तीन जवानों की मौत हो गई। इस दुखद घटना ने विमानन सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल की ओर ध्यान खींचा।
बाद में सितंबर में, पंचमहल जिले की पावागढ़ पहाड़ी पर एक और जानलेवा हादसा हुआ। यह एक प्रमुख तीर्थ स्थल है जहां प्रतिष्ठित महाकालिका मंदिर है। यहां एक कार्गो रोपवे का केबल टूटने से कम से कम छह लोगों की जान चली गई, जिससे पूरे राज्य में सनसनी फैल गई और धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर रोपवे संचालन की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गईं।
गुजरात में राजनीतिक फेरबदल और शासन की मुख्य बातें
राजनीतिक मोर्चे पर, भाजपा के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने की जांच करने और इसके लिए एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। इस कदम की विपक्ष ने कड़ी आलोचना की, जिसने आरोप लगाया कि सरकार महंगाई और बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। साथ ही, अल्पसंख्यक और आदिवासी समुदायों पर इसके संभावित असर को लेकर भी चिंता जताई गई।
अक्टूबर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल का बड़ा विस्तार हुआ, जिसमें 19 नए मंत्रियों को शामिल किया गया और 10 मौजूदा मंत्रियों को हटा दिया गया। शपथ ग्रहण से एक दिन पहले, पटेल सरकार के सभी 16 मंत्रियों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया था। हालांकि, शपथ ग्रहण के दिन छह इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए। इस विस्तार के बाद, मुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद की संख्या 17 से बढ़कर 26 हो गई।
गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी को उप मुख्यमंत्री के पद पर पदोन्नत किया गया। 40 वर्षीय विधायक सूरत के मजुरा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जून के उपचुनावों में, AAP के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने जूनागढ़ जिले की विसावदर सीट जीती, जबकि भाजपा ने मेहसाणा में कड़ी निर्वाचन क्षेत्र पर अपना कब्जा बरकरार रखा।
सुरक्षा अभियान और कानून प्रवर्तन कार्रवाई
नवंबर में, गुजरात पुलिस ने एक संदिग्ध आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करने की घोषणा की, जो कथित तौर पर एक बहुत ही शक्तिशाली जहर 'रिसिन' से देश भर के जल स्रोतों को दूषित करके हमले करने की योजना बना रहा था।
इस साजिश के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें चीन में पढ़ाई कर चुका एक डॉक्टर भी शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि डॉक्टर और उसका सहयोगी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) से जुड़े थे।
इससे पहले अप्रैल में, गुजरात पुलिस ने अवैध अप्रवासन पर एक बड़ी कार्रवाई की, जिसमें अहमदाबाद और सूरत में बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे 1,000 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया। इस ऑपरेशन के बाद बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों को उनके देश वापस भेज दिया गया।
कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी का अधिकार
यह साल गुजरात में जश्न के मौके भी लेकर आया। राज्य को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी का अधिकार दिया गया, इस फैसले को नवंबर में कॉमनवेल्थ देशों ने आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी। इस उपलब्धि ने गुजरात को वैश्विक खेल मानचित्र पर ला खड़ा किया है और इससे राज्य भर में बुनियादी ढांचे के विकास, पर्यटन और खेल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
एशियाई शेरों की आबादी में बड़ी बढ़ोतरी
मई की जनगणना में गुजरात में एशियाई शेरों की आबादी में एक बड़ी बढ़ोतरी का पता चला, जो पांच साल पहले 674 से बढ़कर 891 हो गई, यानी 217 शेरों की वृद्धि हुई। खास बात यह है कि ये राजसी बड़ी बिल्लियां अब गिर नेशनल पार्क के अपने पारंपरिक आवास से बाहर निकलकर सौराष्ट्र के 11 जिलों में घूम रही हैं, जिनमें गैर-वन और तटीय क्षेत्र भी शामिल हैं। यह फैलाव सफल संरक्षण प्रयासों को दर्शाता है और इस लुप्तप्राय प्रजाति की रक्षा में गुजरात की बढ़ती भूमिका को उजागर करता है।