सार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने AMCA प्रोग्राम को मंजूरी दे दी है। यह पांचवीं पीढ़ी का स्वदेशी लड़ाकू विमान बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। इस प्रोजेक्ट में सरकारी और प्राइवेट कंपनियों को साथ लाने की कोशिश है।
AMCA Programme: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोग्राम के एग्जीक्यूशन मॉडल को मंजूरी दी। AMCA प्रोग्राम के तहत मध्यम आकार का स्वदेशी लड़ाकू विमान बनाने की कोशिश की जा रही है। यह भारत का पहला स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा।
AMCA प्रोग्राम के तहत फाइटर जेट बनाने के लिए ADA (Aeronautical Development Agency) सरकारी और प्राइवेट कंपनियों को साथ लाने की कोशिश कर रही है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार विमान बनाने के इस प्रोग्राम में शामिल होने के लिए कंपनियां खुद, संयुक्त उद्यमों के माध्यम से या संघ के रूप में बोलियां पेश कर सकती हैं। इस कार्यक्रम में शामिल वाली इकाई भारतीय कंपनी होनी चाहिए। उसे भारत के लॉ एंड रेगुलेशन का पालन करना होगा।
यह रणनीतिक पहल AMCA प्रोटोटाइप विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति है। ADA जल्द ही AMCA विकास चरण के लिए EoL (Expression of Interest) जारी करेगा। 7 मार्च 2024 को CCS (Cabinet Committee on Security) ने AMCA के डिजाइन और डेवलपमेंट की मंजूरी दी थी।
पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा AMCA
AMCA पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। यह मध्यम वजन वाला स्टील्थ फाइटर जेट होगा। इसे 15 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के तहत DRDO द्वारा विकसित किया जा रहा है। AMCA बेहतर थ्रस्ट-टू-वेट अनुपात, एडवांस सेंसर फ्यूजन और इंटरनल वेपन बे और "सर्पेन्टाइन एयर-इन्टेक" जैसी स्टील्थ सुविधाओं के साथ आएगा। मौजूदा समयसीमा के अनुसार 2035 तक इसका उत्पादन शुरू करना है।
विमानों की कमी से जूझ रही वायुसेना
बता दें कि भारतीय वायुसेना लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही है। भारत के लिए स्वीकृत स्क्वाड्रन क्षमता 42.5 है। हालांकि इस समय वायुसेना के पास 31 फाइटर स्क्वाड्रन हैं। जगुआर और मिग-21 जैसे लड़ाकू विमान रिटायर हो रहे हैं। इससे फाइटर जेट की संख्या और घट रही है।
लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़ाने के लिए भारत खुद के फाइटर जेट बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इस समय भारत के पास एक स्वदेशी फाइटर जेट है। इसका नाम तेजस है। इसका अपग्रेड वर्जन तेजस मार्क-1A है। तेजस मार्क 2 पर भी काम चल रहा है।
भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल GE-F404 इंजन वाले केवल 40 तेजस मार्क-1 विमान हैं। 46,898 करोड़ रुपए की लागत से 83 एडवांस तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमानों की आपूर्ति जल्द ही शुरू हो जाएगी। इसके बाद लगभग 67,000 करोड़ रुपए की लागत से 97 ऐसे अन्य जेट विमानों की आपूर्ति की जाएगी।