शशि थरूर की मोदी की तारीफ से कांग्रेस नाराज़, बातचीत बंद। बीजेपी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा, थरूर की विदेश नीति पर मोदी से सहमति पर सवाल उठाए।

नई दिल्ली: शशि थरूर और कांग्रेस के बीच मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। थरूर की मोदी की तारीफ़ से आलाकमान काफ़ी नाराज़ है। पार्टी नेतृत्व ने साफ़ कर दिया है कि थरूर से कोई बातचीत नहीं होगी। इस बीच, बीजेपी ने थरूर द्वारा मोदी की प्रशंसा पर राहुल गांधी के ख़िलाफ़ अपनी आलोचना तेज कर दी है।

बीजेपी का मानना ​​है कि प्रधानमंत्री की प्रशंसा करके थरूर राहुल गांधी पर निशाना साध रहे थे। राहुल का मानना ​​है कि मोदी की विदेश नीति ठीक नहीं है। लेकिन थरूर ने माना कि मोदी की नीतियां विश्व मंच पर भारत के लिए फ़ायदेमंद हैं। बीजेपी ने यह भी कहा कि राहुल की नीतियों को उनकी अपनी पार्टी में भी स्वीकृति नहीं मिलती।

 

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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की गई विदेश यात्रा के बारे में लिखे अपने लेख में थरूर ने प्रधानमंत्री की काबिलियत की तारीफ़ की है। थरूर ने मोदी की ऊर्जा, गतिशीलता और बातचीत की इच्छाशक्ति का ज़िक्र किया है। थरूर ने इन तीनों गुणों को विश्व मंच पर भारत के लिए फ़ायदेमंद बताया है। थरूर का कहना है कि मोदी प्रशंसा के पात्र हैं। थरूर ने यह भी दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा बेहद कामयाब रही।

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर एकता की आवाज़ सुनाई दी। अगर सत्ता पक्ष और विपक्ष में एकता हो, तो भारत और ज़्यादा मज़बूती और विश्वास के साथ अपनी बात रख सकता है। थरूर ने अपने लेख में यही बात कही है। ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए केंद्र सरकार और मोदी की दिल खोलकर तारीफ़ करने वाले थरूर के लेख को प्रधानमंत्री कार्यालय ने शेयर किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस लेख को "ऑपरेशन सिंदूर के तहत विदेश यात्रा पर गए पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के अनुभव" के रूप में प्रस्तुत किया है।

इस बीच, प्रधानमंत्री के काम के सिलसिले में थरूर की तीन देशों - रूस, ग्रीस और यूके - की नई यात्रा के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। सरकार भी इस बारे में पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है। सूत्रों का कहना है कि हालांकि बीजेपी कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए थरूर में दिलचस्पी दिखा रही है, लेकिन पार्टी के अंदर ही उन्हें कोई बड़ा कूटनीतिक पद देने को लेकर असंतोष है।