सार

भारत जल्द ही ब्रह्मोस मिसाइल के एयर वर्जन का परीक्षण करेगा। इसकी मारक क्षमता बढ़ाकर 500 किमी कर दी गई है, जो दुश्मनों के लिए खतरे की घंटी है।

BrahMos Missile: चीन और पाकिस्तान को सावधान करने वाली खबर है। भारत अपने सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के एयर वैरिएंट का टेस्ट करने जा रहा है। हवा से जमीन पर मार करने वाली इस मिसाइल का रेंज बढ़ाया गया है। मिसाइल का टेस्ट हिंद महासागर क्षेत्र में होगा। इसमें भारत में बने कम्पोनेंट बढ़ाए गए हैं।

अंडमान निकोबार द्वीप समूह के पास किसी भी समय मिसाइल का टेस्ट हो सकता है। इसके लिए NOTAM (Notice To Airmen) जारी किया गया है। 510 km इलाके को नो-फ्लाइ जोन घोषित किया गया है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि टेस्ट एक्सटेंडेड रेंज ब्रह्मोस मिसाइल का होगा। The New Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार एक्सटेंडेड रेंज ब्रह्मोस मिसाइल के एयर वर्जन का टेस्ट हो सकता है।

क्यों खास है एक्सटेंडेड रेंज ब्रह्मोस मिसाइल?

ब्रह्मोस की गिनती दुनिया के सबसे अच्छे क्रूज मिसाइल में होती है। शुरुआत में इसका रेंज करीब 300km था। इसे बढ़ाकर करीब 500km किया गया है। ब्रह्मोस के कई वर्जन हैं। इसे हवा से जमीन पर मार करने लायक बनाकर बेहद खास बनाया गया है। सुखोई Su 30MKI लड़ाकू विमान को हवा से जमीन पर मार करने वाले ब्रह्मोस से लैस किया गया है।

दुश्मन के लिए यह बेहद खतरनाक कॉम्बिनेशन है। इससे सुखोई विमान दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम से दूर रहकर हमला कर पाता है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ हुए सैन्य झड़प में इस मिसाइल का इस्तेमाल किया गया। इस समय वायुसेना के पास हवा से जमीन पर करीब 300km तक मार करने वाले ब्रह्मोस मिसाइल हैं। इसके एक्सटेंडेड रेंज वर्जन को टेस्ट किया जाना है। इसका रेंज बढ़ाकर 500km तक किया गया है। इसके सेवा में शामिल होने के बाद इंडियन एयरफोर्स के पास भारत में रहकर ही पाकिस्तान के अधिकतर इलाके में ब्रह्मोस से हमला करने की क्षमता होगी।

सिर्फ सुखोई 30MKI ही ले जाता है ब्रह्मोस

ब्रह्मोस के एयर वर्जन का वजन करीब 2.5 टन है। सिर्फ सुखोई 30 फाइटर जेट के पास इसे लेकर उड़ने की क्षमता है। सुखोई आकार में बड़ा और ताकतवर विमान है, जिसके चलते इतना भारी मिसाइल लेकर उड़ पाता है।