सार
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और CJI संजीव खन्ना पर विवादित बयान दिए हैं। कुरैशी पर 'मुस्लिम आयुक्त' होने का आरोप लगाते हुए दुबे ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोटर आईडी जारी करने का दावा किया।
BJP MP Nishikant Dubey: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे अपने विवादित बयानों के चलते चर्चा में हैं। सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना के खिलाफ बोलकर विवाद खड़ा करने के एक दिन बाद रविवार को उन्होंने वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एसवाई कुरैशी पर हमला बोला।
कुरैशी 30 जुलाई 2010 से 10 जून 2012 तक भारत के 17वें मुख्य चुनाव आयुक्त थे। दुबे ने कुरैशी पर आरोप लगाया कि वह "चुनाव आयुक्त नहीं, बल्कि मुस्लिम आयुक्त थे।" उन्होंने दावा किया कि कुरैशी के कार्यकाल के दौरान झारखंड के संथाल परगना संभाग में सबसे ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोटर आईडी जारी की गई। बता दें कि यह क्षेत्र गोड्डा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। निशिकांत दुबे गोड्डा से सांसद हैं।
एसवाई कुरैशी ने एक्स पर वक्फ एक्ट के खिलाफ किया पोस्ट
कुरैशी ने X पर पोस्ट किया, "वक्फ एक्ट बिना किसी शक के मुस्लिम जमीन हड़पने के लिए सरकार की एक बेहद भयावह योजना है। मुझे यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर सवाल उठाएगा। शरारती प्रचार मशीन द्वारा गलत सूचना ने अपना काम बखूबी किया है।"
निशिकांत दुबे ने एसवाई कुरैशी को दिया तीखा जवाब
कुरैशी ने पोस्ट पर निशिकांत दुबे ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने लिखा, "आप चुनाव आयुक्त नहीं, मुस्लिम आयुक्त थे। झारखंड के संथालपरगना में बांग्लादेशी घुसपैठिया को वोटर सबसे ज्यादा आपके कार्यकाल में ही बनाया गया। पैगंबर मुहम्मद साहब का इस्लाम भारत में 712 में आया। इससे पहले तो यह जमीन हिंदुओं की या उस आस्था से जुड़ी आदिवासी,जैन या बौद्ध धर्मावलंबी की थी। मेरे गांव विक्रमशिला को बख्तियार खिलजी ने 1189 में जलाया। विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने दुनिया को पहला कुलपति दिया अतिश दीपांकर के तौर पर। इस देश को जोड़ो, इतिहास पढ़ो, तोड़ने से पाकिस्तान बना,अब बंटवारा नहीं होगा?"
देश में जितने गृह युद्ध हो रहे हैं उसके जिम्मेवार सीजेआई संजीव खन्ना हैं: निशिकांत दुबे
इससे पहले निशिकांत दुबे ने सीजेआई संजीव खन्ना पर हमला बोला था। ANI से बातचीत में उन्होंने कहा था, "इस देश में जितने गृह युद्ध हो रहे हैं उसके जिम्मेवार केवल सीजेआई संजीव खन्ना हैं।" दुबे ने सवाल उठाया कि संविधान के किस अनुच्छेद के तहत सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल द्वारा भेजे गए कानून को मंजूरी देने या खारिज करने के लिए राष्ट्रपति पर तीन महीने की समयसीमा तय की है।
भाजपा ने शनिवार को दुबे की सीजेआई के खिलाफ की गई विवादित टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने X पर एक पोस्ट में कहा, "न्यायपालिका और भारत के मुख्य न्यायाधीश पर सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की टिप्पणियों से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है। यह उनकी निजी टिप्पणियां हैं। भाजपा न तो उनसे सहमत है और न ही ऐसी टिप्पणियों का कभी समर्थन करती है। भाजपा उन्हें पूरी तरह से खारिज करती है।"