सार
बेंगलुरु: कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में बेंगलुरु निवासी भरत भूषण की मौत हो गई। भरत भूषण हावेरी जिले के राणेबेनूर के रहने वाले थे। बेंगलुरु की एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले भरत भूषण अपने परिवार के साथ मत्तिकेरे जे.पी. पार्क के पास रहते थे। कुछ दिन पहले ही वो अपनी पत्नी सुजाता और तीन साल के बच्चे के साथ कश्मीर घूमने गए थे। मंगलवार को पहलगाम में पत्नी और बच्चे के सामने ही भरत भूषण आतंकियों की गोली का शिकार हो गए।
सुजाता ने अपने परिवार को इस हमले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घूमने के दौरान एक बंदूकधारी भरत भूषण के पास आया और उनका नाम और धर्म पूछा। भरत भूषण के हिंदू बताते ही उस शख्स ने उनके सिर में गोली मार दी और भाग गया। बताया जा रहा है कि इस दौरान सुजाता अपने तीन साल के बच्चे को लेकर थोड़ी दूर भागीं।
पहलगाम हमला निंदनीय: पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद बसवराज बोम्मई ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि ये एक घिनौना कृत्य है और आतंकवाद को फिर से बढ़ावा देने की कोशिश है। हर नागरिक इस घटना की निंदा करता है। धर्म के नाम पर गोली चलाना देश विरोधी ताकतों का काम है। केंद्र सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को कश्मीर घाटी में फंसे कर्नाटक के लोगों को सुरक्षित वापस लाने की व्यवस्था करनी चाहिए।
आतंकी हमला घिनौना कृत्य: केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने भी पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में घाटी में शांति बहाल हुई है। आतंकियों ने इसे बिगाड़ने के लिए ये कायराना हरकत की है। आतंकवाद भारत को कभी कमजोर नहीं कर सकता। भारत के पास ऐसी ताकतों से लड़ने की क्षमता है।
राजनीति करना शर्मनाक: विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा कि इस दुखद घटना पर राजनीति करना शर्मनाक है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव जैसे कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पूरा देश सदमे में है, पीड़ित परिवारों का दर्द देखकर हर कोई दुखी है। ऐसे में राजनीति करना शर्मनाक है।