Ahmedabad Plane Crash Investigation: Air India Boeing 787 हादसे की जांच के लिए विशेषज्ञ ब्लैक बॉक्स खोजने में जुटे हैं। जानिए क्या होता है ब्लैक बॉक्स, कैसे करता है हादसे के कारणों का खुलासा और भारत की विश्लेषण क्षमता क्या है।

Ahmedabad Plane Crash Investigation: अहमदाबाद में गुरुवार को हुए Air India Boeing 787-8 Dreamliner हादसे में 241 लोगों की मौत और एक चमत्कारी जीवित बचाव के बाद अब ब्लैक बॉक्स (Black Box) की खोज तेज़ हो गई है। यह वही उपकरण है जो किसी भी विमान हादसे के पीछे के कारणों की तह तक जाने में विशेषज्ञों की सबसे बड़ी मदद करता है।

ब्लैक बॉक्स: हर हवाई हादसे के पीछे छिपे सच की चाबी

ब्लैक बॉक्स असल में दो अलग-अलग रिकॉर्डर होते हैं-Cockpit Voice Recorder (CVR) और Flight Data Recorder (FDR)। यह दोनों डिवाइसेज़ मिलकर न सिर्फ तकनीकी डेटा को कैद करते हैं बल्कि हादसे से ठीक पहले पायलटों की बातचीत और कॉकपिट की आवाज़ों को भी सुरक्षित रखते हैं।

CVR और FDR क्या करते हैं?

Cockpit Voice Recorder (CVR): पायलटों की बातचीत, चेतावनी अलार्म, इंजन की आवाज़ और ATC से बातचीत रिकॉर्ड करता है। इससे हादसे से पहले का घटनाक्रम और दबाव की स्थिति साफ़ समझ में आती है।

Flight Data Recorder (FDR): 1,000 से ज्यादा तकनीकी पैरामीटर रिकॉर्ड करता है, जैसे ऊंचाई, गति, इंजन परफॉर्मेंस, दिशा, विंग की स्थिति। इन डेटा से जांचकर्ताओं को यह पता चलता है कि आखिर उड़ान के दौरान विमान ने कैसा व्यवहार किया।

ब्लैक नहीं, नारंगी होता है ‘Black Box’

नाम के विपरीत, ब्लैक बॉक्स दरअसल नारंगी रंग का होता है ताकि मलबे में आसानी से देखा जा सके। यह अत्यंत मज़बूत स्टेनलेस स्टील या टाइटेनियम से बना होता है और हादसे की बेहद कठिन परिस्थितियों को भी झेल सकता है:

  1. 1 घंटे तक 1,100°C तक की आग
  2. 14,000 फीट समुद्र के नीचे तक दबाव
  3. तेज़ टक्कर का प्रभाव

डेविड वॉरेन: ब्लैक बॉक्स के आविष्कारक

ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक डेविड वॉरेन (David Warren) ने 1953 में ब्लैक बॉक्स का पहला विचार प्रस्तुत किया था। उनके पिता की 1934 के एक विमान हादसे में मौत हुई थी जिसने उन्हें ये आविष्कार करने के लिए प्रेरित किया।

भारत की जांच क्षमता और ब्लैक बॉक्स एनालिसिस

भारत सरकार ने हाल ही में दिल्ली में एक डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर लैब का उद्घाटन किया है, जहां क्षतिग्रस्त ब्लैक बॉक्स को रिस्टोर कर उसका डेटा निकाला जा सकता है। AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) इस प्रक्रिया की निगरानी करता है।

अहमदाबाद हादसे में ब्लैक बॉक्स क्यों है अहम?

  • विमान ने सिर्फ 825 फीट ऊंचाई तक पहुंचने के बाद Mayday कॉल भेजा
  • कुछ सेकंड बाद डॉक्टर्स हॉस्टल से टकराकर आग का गोला बना
  • हादसे की वजह क्या थी – तकनीकी खराबी, मानव त्रुटि या बाहरी हमला?
  • इन सभी सवालों का जवाब ब्लैक बॉक्स के डेटा से ही मिल सकता है।

जांच में कितना समय लगेगा?

  • 24-48 घंटे में प्रारंभिक निष्कर्ष
  • पूरी जांच और विश्लेषण में 2-3 हफ्ते लग सकते हैं
  • अंतिम रिपोर्ट DGCA और AAIB द्वारा प्रकाशित की जाएगी