सार
Holika Dahan 2025: यूपी के बरसी गांव में होलिका दहन नहीं होता। मान्यता है कि शिव मंदिर में भगवान शिव के पांव झुलस सकते हैं। ये परंपरा सदियों से चली आ रही है।
Holika Dahan 2025: उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में स्थित एक गांव में होलिका दहन न करने की एक अनूठी और सदियों पुरानी परंपरा आज भी कायम है। सहारनपुर शहर लगभग 50 किलोमीटर दूर नानोता क्षेत्र के बरसी गांव के लोग अपने पूर्वजों की इस पर परंपरा का पालन करते हैं।
इस गांव में आज भी होली नहीं मनाते लोग
लोगों का मानना है कि गांव के बीचो-बीच स्थित एक महाभारत कालीन शिव मंदिर में भगवान शिव स्वयं विराजमान हैं और वह मंदिर के भीतर विचरण करते हैं। इस मान्यता के अनुसार, यदि होलिका दहन किया जाता है तो आग से जमीन गर्म हो सकती है, जिससे भगवान शिव के पांव झुलस सकते हैं। यही कारण है कि सालों से इस गांव में होलिका दहन नहीं किया जाता और यह एक अनूठी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी जारी है।
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दुर्योधन ने महाभारत के युद्ध के दौरान बनवाई थी ये मंदिर
लोगों का कहना है कि उनके पूर्वजों ने इस परंपरा को अटूट विश्वास के साथ कायम रखा है और वह भी इन पद चिन्हों पर चल रहे हैं। गांव में स्थित यह मंदिर दुर्योधन ने महाभारत के युद्ध के दौरान रातों-रात बनवाया था। पौराणिक मान्यता है कि जब अगली सुबह भीम ने इस मंदिर को देखा, तो उन्होंने अपनी गदा से इसके मुख्य द्वार को पश्चिम की ओर मोड़ दिया। ऐसा कहा जाता है कि यह देश का एकमात्र शिव मंदिर है जो पश्चिममुखी है, और यही इसे अन्य मंदिरों से अलग और खास बनाता है। इस ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यता के चलते बरसी गांव में होलिका दहन की परंपरा आज भी कायम है।