सार

Triyuginarayan Temple: हिमालय की गोद में बसे त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी का दिव्य अनुभव। शिव-पार्वती विवाह स्थल पर अखंड धूनी के साक्षी बनें। जानें, कैसे करें बुकिंग और क्या है खर्च।

अगर आप भीड़-भाड़ और शोरगुल से दूर एक ऐसी शादी की ख्वाहिश रखते हैं जो न केवल भव्य हो, बल्कि आध्यात्मिक और यादगार भी बने, तो उत्तराखंड का त्रियुगीनारायण मंदिर आपके सपनों का डेस्टिनेशन हो सकता है। हिमालय की वादियों में बसा यह प्राचीन मंदिर न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है, बल्कि आजकल एक बेहद लोकप्रिय वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में सामने आ रहा है। ऐसा माना जाता है कि यहीं भगवान शिव और देवी पार्वती ने विवाह किया था और इस मंदिर की धधकती अग्नि उसी पवित्र विवाह की गवाह बनी थी, जो आज भी प्रज्वलित है।

इस मंदिर में शादी करना सिर्फ एक रस्म नहीं होती, बल्कि यह एक दिव्य और आत्मिक अनुभव होता है। यहां की शांत वादियां, पवित्र धूनी और आध्यात्मिक ऊर्जा नवविवाहित जोड़े को न केवल एक-दूसरे से, बल्कि ईश्वर से भी जोड़ती है। यही कारण है कि आज कई सेलिब्रिटीज और साधारण लोग भी इस स्थल को अपनी जिंदगी के सबसे खास दिन के लिए चुन रहे हैं।

त्रियुगीनारायण मंदिर का धार्मिक महत्व

त्रियुगीनारायण मंदिर को वह स्थल माना जाता है जहां भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। मंदिर के प्रांगण में स्थित अखंड धूनी (अनंत अग्नि) को वही अग्नि माना जाता है जो उस दिव्य विवाह के समय प्रज्वलित हुई थी और आज भी निरंतर जल रही है। यह अग्नि नवविवाहित जोड़ों के लिए शाश्वत प्रेम और समर्पण का प्रतीक बन गई है।

प्राकृतिक सौंदर्य और स्थान

यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 1,980 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और चारों ओर से हिमालय की सुरम्य पहाड़ियों से घिरा हुआ है। मंदिर के पास रुद्र कुंड, विष्णु कुंड, ब्रह्मा कुंड और सरस्वती कुंड जैसे पवित्र जलस्रोत हैं, जो इस स्थान की आध्यात्मिकता को और भी बढ़ाते हैं ।

विवाह की रस्में और परंपराएं

त्रियुगीनारायण मंदिर में विवाह की रस्में पारंपरिक वैदिक विधियों से संपन्न होती हैं। यहां जोड़े अखंड धूनी के चारों ओर फेरे लेते हैं, जो उनके विवाह को दिव्यता और शाश्वतता प्रदान करता है । यह स्थान उन जोड़ों के लिए आदर्श है जो एक आध्यात्मिक और पारंपरिक विवाह की कामना करते हैं।

विवाह पैकेज और लागत

त्रियुगीनारायण मंदिर में विवाह की लागत विभिन्न पैकेजों पर निर्भर करती है। सरल विवाह पैकेज की कीमत लगभग ₹50,000 से ₹60,000 तक होती है, जबकि 10 लोगों तक के समूह के लिए यह ₹90,000 से ₹1,00,000 तक हो सकती है । बड़े समूहों और भव्य आयोजनों के लिए लागत और सुविधाएं बढ़ सकती हैं।

विवाह के लिए सर्वोत्तम समय

त्रियुगीनारायण मंदिर में विवाह के लिए अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के महीने सबसे उपयुक्त माने जाते हैं। इन महीनों में मौसम सुहावना रहता है और यात्रा करना भी सुविधाजनक होता है । 

कैसे पहुंचें त्रियुगीनारायण मंदिर

हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून है, जो मंदिर से लगभग 226 किमी दूर स्थित है।

सड़क मार्ग: मंदिर सोनप्रयाग से लगभग 5 किमी की दूरी पर स्थित है। सोनप्रयाग तक बस या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है, और वहां से पैदल या स्थानीय वाहन से मंदिर तक जाया जा सकता है ।